शहर के लिए मॉडल बनेंगी छह सड़कें,खर्च होंगे 47.84 करोड़

UP / Uttarakhand

(वाराणसी UP)03मई,2025.

मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम (सीएम ग्रिड योजना) के तहत शहर की छह सड़कों को माॅडल के रूप में विकसित किया जाएगा। इनमें फुटपाथ, पार्किंग, वेंडिंग जोन, लैंडस्केपिंग और मार्ग प्रकाश जैसी सुविधाएं होंगी। इसकी कुल लागत 47.84 करोड़ रुपये है। पहले चरण में करीब 16-17 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके बाद दूसरे चरण में बची हुई राशि से अन्य निर्माण कार्य किए जाएंगे।

प्रदेश के 16 शहरों में इस योजना के तहत काम कराए जा रहे हैं। इनमें वाराणसी के अलावा झांसी, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, फिरोजाबाद, अलीगढ़, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, गोरखपुर, अयोध्या, गाजियाबाद, शाहजहांपुर, बरेली शामिल हैं।

ग्रीन एनर्जी, ग्रीन टेक्नोलॉजी और ग्रीनहाउस के बाद अब ग्रीन सड़कें भी होंगी। इन्हें अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार बनाया जाएगा। इसके बाद बार-बार होने वाली खोदाई, अतिक्रमण की समस्या नहीं होगी। यहां की सड़कें सबसे अधिक जाम रहती है। इसके चलते आए दिन कोई न कोई समस्या आती है। एक इलाके से दूसरे इलाके को जोड़ने वाली सड़कों को इस प्रकार से बनाया जाएगा ताकि बार बार समस्या न आए।

अधिकारियों ने बताया कि इस योजना के तहत बनने वाले सड़कों में अंडरग्राउंड केबल लाइन, बिजली के तार, पानी की पाइप सहित कई सुविधाओं को भूमिगत डाला जाएगा। भूमिगत नाली का निर्माण होगा। फुटपाथ, स्ट्रीट लाइट, सड़कों की ऊपरी सतह अंतरराष्ट्रीय स्तर की होगी। सड़कों के किनारे पौधरोपण होंगे। इन सड़कों पर बार-बार रोड कटिंग नहीं होगी। इन सड़कों के निर्माण में 7 प्रतिशत प्रतिबंधित प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाएगा। इसी प्रकार की सड़कें अन्य जगहों पर बनाई जाएंगी।

ग्रीन रोड की खासियत: ग्रीन रोड का विदेशों में प्रमुखता से निर्माण हो रहा है। यह सड़कें पूरी तरह से इको फ्रेंडली होती हैं। इन्हें वेस्टज चीजों जैसे प्लास्टिक आदि से मिलाकर बनाया जाता है। इस वजह से यह सड़कें पर्यावरण के लिए काफी अच्छी मानी जाती हैं।

क्रिकेट स्टेडियम गंजारी के पास बनेगी 10 हजार वाहनों की क्षमता वाली मल्टीलेवल पार्किंग:

वाराणसी, गंजारी के पास बन रहे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के समीप 10 हजार वाहनों की मल्टीलेवल पार्किंग बनाई जाएगी। इसे लेकर वीडीए ने तैयारी शुरू कर दी है। वहां पार्किंग के लिए जमीन की तलाश तेज हो गई है। इसके लिए यहां पर जमीन लेकर वीडीए पार्किंग स्थल का विकास करेगा।

अब तक शहर में चार बहुमंजिली पार्किंग हैं। अधिकारियों के अनुसार 30 हजार क्षमता वाले निर्माणाधीन स्टेडियम में तकरीबन 12 हजार लोग वाहन से आने का अनुमान लगाया गया है। स्टेडियम में पहले से 1500 वाहनों की क्षमता की पार्किंग प्रस्तावित है।

वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने बताया कि गंजारी के भविष्य को ध्यान में रखकर 10 हजार क्षमता की पार्किंग बनाने की योजना है। अभी इसे अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। जल्द ही बैठक में तय कर इसकी रूपरेखा रखी जाएगी। भविष्य को ध्यान में रखकर यह कम होगा।

इसे देखते हुए तकरीबन 10 हजार क्षमता वाले वाहनों की बहुमंजिली पार्किंग बनाई जाए। इसमें 7 हजार दो पहिया और तीन हजार चार पहिया वाहन आसानी से खड़े हो जाएं। इसके लिए जमीन की आवश्यकता है। जल्द ही शासन प्रशासन के साथ होने वाली बैठक में इसे अंतिम रूप दिया जाना है।

घाटों पर स्वीपिंग मशीन से होगी सफाई:
गंगा घाटों की सफाई व्यवस्था बेहतर करने के लिए मैनुअल के साथ-साथ मैकेनाइज्ड तरीके अपनाने पर भी जोर दिया जा रहा है। इसके लिए यहां नए उपकरण खरीदे जाएंगे ताकि यहां की साफ सफाई और बेहतर तरीके से हो सके। स्वीपिंग मशाीन से गंगा घाटों पर सफाई की जाएगी।

इन छोटी-छोटी मशीनों से चौड़े घाटों की सफाई होगी। मशीन के जरिये ही नावों पर लादकर कूड़ा निस्तारण केंद्र पहुंचाया जाएगा। इसके अलावा गंगा में पड़ने वाले फूल-मालाओं को निकालने के लिए ट्रेस स्कीमर मशीन की संख्या बढ़ाई जाएंगी। आरती और विशेष आयोजनों पर ये शिफ्टवार तैनात रहेंगे।

सभी घाटों पर स्टील के डस्टबिन लगाए जाएंगे। नावों पर भी डस्टबिन की व्यवस्था की जाएगी ताकि बोटिंग के दौरान लोग गंदगी गंगा में न डालें। कुछ जगहों पर कूड़ा रखने के लिए स्थान होंगे जहां पर लोग कूड़ा डाल सकेंगे। इसके अलावा गंदे नाले और टूटे फूटे सीवर पाइप लाइन को भी बदलने की कार्ययोजना बनाई गई है।

लोहता की एसटीपी का स्थल बदला, नदी किनारे बनाने पर लगी मुहर:
वरुणा में गिरने वाले नाले को रोकने के लिए लोहता एसटीपी के लिए चयनित जगह को बदल दिया गया है। अब इसे वरुणा नदी किनारे बनाया जाएगा। इससे वरुणा नदी साफ होगी। नदी के चैनलाइजेशन को पूरा करने के लिए गिरने वाले नाले को एसटीपी से गुजारेंगे। यहां से ट्रीटेड वाटर ही वरुणा नदी में डाला जाएगा।

इससे नदी साफ होगी। यहां 55 एमएलडी क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का काम जल्द शुरू होगा। इसके लिए जमीन दी गई थी। बाद में इसे नदी किनारे बनाने पर मुहर लग गई है। इससे पाइप बिछाने के काम से मुक्ति मिलेगी। इसके बनने से वरुणा नदी में सीवर नहीं बल्कि ट्रीटेड वाटर ही जाएगा।

दरअसल बरेका, महमूरगंज, धमरिया, लोहता के इलाकों का सीवर दुर्गा नाले के जरिये वरुणा में जाकर मिल जाता है। इसे रोकने के लिए ही एसटीपी बनाने का प्रस्ताव बनाया गया है। जल निगम के अभियंता एके सिंह ने बताया कि वरुणा नदी में जहां जाकर दुर्गा नाला मिलता है। उसके पहले ही एसटीपी का निर्माण होगा। इसके लिए जमीन देखी गई है। हाल ही में नगर निगम ने सरकारी जमीन से कब्जा हटवाया है।

केंद्र सरकार ने वर्ष 2014 में शुरू किए नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत वाराणसी में 200 एमएलडी क्षमता के एसटीपी स्थापित किए हैं। इसके अतिरिक्त जेएनएनयूआरएम के तहत 120 एमएलडी क्षमता का एसटीपी गोइठहां में है। इसके अलावा पांच छोटे छोटे एसटीपी हैं। जल निगम के अनुसार वर्ष 2017 तक वाराणसी में एसटीपी की शोधन क्षमता मात्र 100 एमएलडी थी, जो कि वर्तमान में 420 एमएलडी हो गई है।

जल्द जारी होगा वाराणसी नगर निगम का म्युनिसिपल बाॅन्ड
यूपी जल्द देश का ऐसा पहला राज्य बनने जा रहा है, जिसने सर्वाधिक म्युनिसिपल बाॅन्ड जारी किए हैं। लखनऊ, गाजियाबाद, आगरा और प्रयागराज के बाद अब वाराणसी नगर निगम भी म्युनिसिपल बाॅन्ड जारी करने की तैयारी में है। इस पहल के साथ प्रदेश ने महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों को पीछे छोड़ दिया है, जो इस क्षेत्र में अब तक अग्रणी रहे हैं। इससे प्रदेश के बड़े शहरों के ढांचागत विकास को गति मिलने के साथ 10 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य भी हासिल करने में मदद मिलेगी।

बता दें कि लखनऊ, गाजियाबाद, आगरा, प्रयागराज के नगर निगमों के म्युनिसिपल बाॅन्ड स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हो चुके हैं। जल्द ही वाराणसी नगर निगम के म्युनिसिपल बाॅन्ड की भी लिस्टिंग होने वाली है। वाराणसी का म्युनिसिपल बाॅन्ड जारी होने के साथ 5 नगर निगमों के बाॅन्ड जारी करने वाला यूपी देश का एकमात्र राज्य होगा। इससे पहले गुजरात और महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश से आगे थे। बंगलूरू देश का पहला नगर निगम था, जिसने 1997 में म्युनिसिपल बाॅन्ड जारी कर पब्लिक फाइनेंस से 125 करोड़ रुपये जुटाए थे।

वर्तमान में यूपी के चार शहरों समेत पूरे देश में 19 नगरीय निकायों के म्युनिसिपल बाॅन्ड लिस्टेड हैं। म्युनिसिपल बाॅन्ड के जरिये जुटाए गए धन का उपयोग शहरों में सड़कों, जलापूर्ति, सीवरेज सिस्टम, स्ट्रीट लाइटिंग, और अन्य बुनियादी सुविधाओं के विकास में किया जा रहा है।

ये सड़कें बनेंगी माॅडल:
कहां से कहां तक सड़क-लंबाई मीटर में-लागत लाख में
सिगरा चौराहा से औरंगाबाद-1100-1315
सुंदरपुर मुख्य मार्ग से मुंशी पार्क-470-654
रविदास गेट से ट्राॅमा सेंटर-545-698
तिलक जी मूर्ति से भारत सेवाश्रम संघ-610-1226
गोलघर चौराहा से एलटी काॅलेज-241-433.53
घंटी मिल से सिगरा थाना-25-548

शहर की छह सड़कों को माॅडल के रूप में विकसित किया जाएगा। सीएम ग्रिड योजना के तहत इन सड़कों का काम 18 महीनों में पूरा कराया जाएगा।-अक्षत वर्मा,नगर आयुक्त (साभार एजेंसी)

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