(प्रयागराज UP) 24नवम्बर,2024.
दिवाली और छठ पूजा के बाद पूर्वोत्तर रेलवे अब जनवरी में प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ की तैयारी में जुट गया है। एक महीने तक चलने वाले इस आयोजन में बड़ी संख्या में पूर्वांचल के लोग जाते हैं। इसे देखते हुए एनईआर के अलग-अलग स्टेशनों से कुल 156 जोड़ी ट्रेनें चलाई जाएंगी। इसमें से 15 जोडा़ ट्रेनें गोरखपुर स्टेशन से चलाई जाएंगी।
जनवरी में प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होना है। अनुमान है कि इस बार प्रमुख स्नान के दिन 10 लाख से अधिक श्रद्धालु जाएंगे। इसे देखते हुए सभी प्रमुख स्टेशनों से ट्रेन चलाने की तैयारी चल रही है। मुख्यालय के एक वरिष्ठ अफसर ने बताया कि अभी तक जो तैयारी है, उसके अनुसार 156 जोड़ी स्पेशल ट्रेनों की महाकुंभ में चलाने के लिए समय सारिणी बनाई जा रही है।
इसके अलावा भीड़ बढ़ने पर कुछ ही घंटों के अंतराल में अतिरिक्त ट्रेनें भी चलाने की तैयारी है। प्रयागराज शहर में एनईआर के दो स्टेशन रामबाग व झूसी हैं, जहां अतिरिक्त काउंटर खोलने, प्लेटफार्म के अलावा अतिरिक्त वेटिंग एरिया बनाने, स्टेशन पर पेयजल, शौचालय, सफाई के अतिरिक्त उपाय करने की योजना बनाई गई है।
दोनों स्टेशनों पर प्रवेश व निकास समेत अन्य तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। इसके अलावा गोरखपुर समेत जिन प्रमुख स्टेशनों से ट्रेनें चलाई जाएंगी, वहां भी दिवाली की तर्ज पर अतिरिक्त वेटिंग एरिया बनाए जाएंगे।
बता दें कि यूपी बोर्ड का मुख्यालय और हार्टकोर्ट होने के चलते गोरखपुर समेत आसपास के हर जिलों के लोग प्रतिदिन प्रयागराज जाते हैं। इसके लिए गोरखपुर से वाराणसी रूट पर चौरीचौरा समेत नौ ट्रेनें चलती हैं। इसके अलावा गोरखपुर से लखनऊ होकर वंदेभारत भी प्रयागराज आती जाती है।
गोरखपुर-वाराणसी-प्रयागराज रूट पर सबसे अधिक ट्रेनें होंगी:
एनईआर के गोरखपुर स्टेशन से महाकुंभ के लिए चलाई जाने वाली ट्रेनें गोरखपुर से वाराणसी होकर और गोरखपुर से अयोध्या होकर भी चलाई जाएंगी। गोरखपुर से प्रयागराज रूट पर वाराणसी से भटनी जंक्शन के बीच डबल लाइन का काम चल रहा है।
इस कार्य को वैसे तो मार्च तक पूरा होना है, लेकिन अभी एनईआर ने इसे 31 दिसंबर तक पूरा कराने का लक्ष्य लेकर कार्य आरंभ किया है। इसके लिए जिन सेक्शन के बीच काम बाकी था, उसे तेजी से पूरा कराया जा रहा है। सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि महाकुंभ को प्राथमिकता में रखकर सभी अवशेष कार्य तेजी से पूरा कराए जा रहे हैं। ऐसी व्यवस्था की जा रही है, जिससे कि श्रद्धालुओं को आने-जाने में कोई दिक्कत न हो(साभार एजेंसी)