ड्रमंडगंज घाटी के पहाड़ों का भू वैज्ञानिक सर्वे कराएगा NHAI, चट्टानों से बचाव के लिए होगा उपाय

UP / Uttarakhand

(मिर्जापुर UP)25नवम्बर,2024.

बारिश के मौसम में रीवा-मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर ड्रमंडगंज घाटी के ऊंचे पहाड़ से फोरलेन सड़क पर मिट्टी के साथ गिरे बड़े-बड़े पत्थरों से दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। एनएचएआई अब भू वैज्ञानिक सर्वे कराने की तैयारी कर रहा है। विभाग सर्वे के बाद रिपोर्ट के आधार पर दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए रोक के उपाय की बात कह रहा है।

लोगों का कहना है कि फोरलेन बनने के बाद पिछले साल बारिश के मौसम में घाटी में सड़क पर पहाड़ से मलबा गिरने की शुरुआत हुई। इससे पहले घाटी में सड़क पर पहाड़ से पत्थरों के साथ मिट्टी का मलबा नहीं गिरता था। लोगों का कहना है कि ड्रमंडगंज घाटी में नीचे से पहाड़ को काटकर फोरलेन सड़क बनाई गई है। इससे पहलेपहाड़ का निचला हिस्सा अब सीधा हो गया है। इस वजह से बीते जुलाई, अगस्त और सितंबर में हुई बारिश के दौरान घाटी में कई बार पहाड़ से मिट्टी और पत्थरों का मलबा गिरा था।

इससे पहाड़ से सटी सड़क पर कई बार वाहनों की आवागमन रोककर जेसीबी से मलबा हटावाया गया। संयोग था कि जब-जब पहाड़ से सड़क पर मलवा गिरा, उस दौरान उधर से कोई वाहन नहीं गुजरा। अन्यथा मलबा के साथ गिरने वाले दो-दो, तीन-तीन टन वजनी पत्थर से बड़ा हादसा हो सकता था।

लोगों का कहना है कि बारिश के मौसम में पहाड़ से होने वाली मिट्टी की कटान को रोकने के लिए सुरक्षा दीवार जगह-जगह पहाड़ और सड़क के बीच गैप रखकर नहीं बनाई गई है। इससे बारिश के दौरान पहाड़ से मिट्टी और पत्थरों का मलबा गिरकर सीधे सड़क पर आ जाता है।

बारिश के मौसम में ड्रमंडगंज घाटी में पहाड़ से सड़क पर गिरे मिट्टी और पत्थर के करीब एक हजार टन से ज्यादा मलबा हटाया जा चुका है। वर्तमान में ड्रमंडगंज घाटी में एक स्थान पर बारिश के दौरान पहाड़ से सड़क पर गिरा एक बहुत वजनी चट्टान उसी तरह से पड़ा हुआ है। उसको अभी तक वहां से हटाया नहीं गया है। इससे दुर्घटना की आशंका बनी हुई है(साभार एजेंसी)

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