(प्रयागराज UP)26फरवरी,2025.
महाकुंभ 2025 संपन्न हो गया। महाशिवरात्रि पर हुए शाही स्नान के बाद इसके समापन की औपचारिक घोषणा हो गई है। हालांकि अभी मेला परिसर को पूरा खाली होने में एक सप्ताह से अधिक का समय लग सकता है। महाकुंभ के अंतिम स्नान पर लगभग डेढ़ करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई। अब तक 66 करोड़ 22 लाख लोगों ने पवित्र संगम में स्नान किया।
महाकुम्भ पर महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान पर्व के दौरान भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने पूरे आयोजन को महासलामी दी है। बुधवार दोपहर वायुसेना के विमानों की तेज गर्जना सुन श्रद्धालुओं ने आसमान की ओर देख गर्व और उत्साह से तालियां बजानी शुरु कर दी। इस दौरान लोग जय श्री राम, हर हर गंगे, हर हर महादेव के साथ मोदी-योगी के भी जयकारे लगाने लगे। इसी के साथ वायुसेना के एयर शो के फोटो और वीडियो बनाकर श्रद्धालु सोशल मीडिया पर शेयर करने लगे। वायुसेना के एक अधिकारी के अनुसार महाकुम्भ में आए श्रद्धालुओं का अंतिम स्नान पर्व पर संगम क्षेत्र के ऊपर भव्य एयर शो से अभिवादन किया गया। इस पावन अवसर पर जहां गंगा तट पर डेढ़ करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु डुबकी लगा रहे थे, वहीं आकाश में सुखोई, एएन 32 और चेतक हेलीकॉप्टर आसमान से श्रद्धालुओं का उत्साह बढ़ा रहे थे। इस ऐतिहासिक पल ने श्रद्धालुओं को रोमांचित कर दिया।
वायुसेना का रोमांचकारी प्रदर्शन
महाकुम्भ के समापन अवसर पर भारतीय वायुसेना के जांबाज पायलटों ने हवा में अद्भुत कलाबाजियां दिखाईं। विमानों की तेज गर्जना सुन श्रद्धालुओं ने आसमान की ओर देखा, जहां सुखोई और एएन 32 और चेतक का शानदार प्रदर्शन चल रहा था। इस रोमांचक नजारे को श्रद्धालुओं ने अपने मोबाइल कैमरों में कैद किया और सोशल मीडिया पर साझा किया। लोगों ने इसे महाकुम्भ का यादगार पल बताया। जिस वक्त महाकुम्भ में संगम के ऊपर एयर शो चल रहा था, उसे देख श्रद्धालु गर्व और उत्साह से तालियां बजाने लगे।
यूपी डीजीपी बोले हमने एक अभूतपूर्व मॉडल पेश किया:
यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि महाशिवरात्रि पर पूरे प्रदेश में श्रद्धालु बड़ी संख्या में शिव मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना कर रहे हैं। आज महाकुंभ का अंतिम दिन है और 45 दिनों में प्रयागराज में 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार, हमने भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा और तकनीकी दृष्टि से एक अभूतपूर्व मॉडल प्रस्तुत किया है।
हमने भीड़ नियंत्रण और निगरानी के लिए विश्वस्तरीय तकनीकों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग किया है। सभी एजेंसियों के सहयोग से हम अभूतपूर्व प्रदर्शन करने में सफल रहे। अयोध्या, वाराणसी और विंध्यवासिनी देवी जैसे धार्मिक स्थलों पर भी भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, जो प्रयागराज में स्नान करने के बाद दर्शन के लिए गए।
महाकुंभ बिना किसी बड़ी त्रासदी के संपन्न हुआ। हमने रेलवे के साथ तालमेल बनाकर काम किया। स्नान के दिनों में 5 लाख से अधिक लोगों ने रेल सेवाओं का उपयोग किया जबकि अन्य दिनों में यह संख्या 3-4 लाख रही। हमें पूरी आस्था थी और जैसा कि मैंने पहले कहा था, यह हमारे लिए एक चुनौती नहीं बल्कि एक अवसर था।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम:
श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन, सुरक्षित स्नान और दर्शन-पूजन के लिए व्यापक पुलिस प्रबंधन किया गया। सुरक्षा की दृष्टि से नागरिक पुलिस, यातायात पुलिस, महिला पुलिस, पीएसी, घुड़सवार पुलिस एवं अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया। संगम क्षेत्र में जल पुलिस, मोटर बोट और गोताखोरों की तैनाती कर स्नान घाटों पर लगातार सतर्क निगरानी रखी गई।
सीसीटीवी व पब्लिक एड्रेस सिस्टम से कड़ी निगरानी:
मेला क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से हर गतिविधि पर नजर रखी गई। पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिए श्रद्धालुओं को सावधानीपूर्वक स्नान और दर्शन-पूजन करने की अपील की गई, ताकि वे सुरक्षित अपने गंतव्य तक लौट सकें।
श्रद्धालुओं के लिए सुगम यातायात प्रबंधन:
श्रद्धालुओं को किसी असुविधा से बचाने के लिए मेला क्षेत्र में शिवालयों के निकट ही पार्किंग की समुचित व्यवस्था की गई, जिससे उन्हें न्यूनतम पैदल चलना पड़े।
वरिष्ठ अधिकारियों ने संभाली कमान
पुलिस उप महानिरीक्षक वैभव कृष्ण (IPS) एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी (IPS) मेला क्षेत्र में मौजूद रहकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण करते रहे। उन्होंने शिवालयों का भ्रमण कर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों की कुशलक्षेम पूछी और उनका उत्साहवर्धन किया।
भक्तिभाव और आस्था का अद्भुत नजारा:
महाशिवरात्रि स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं में असीम उत्साह देखने को मिला। करोड़ों भक्तों ने संगम व अन्य घाटों पर आस्था की डुबकी लगाकर भोलेनाथ का जलाभिषेक किया।(साभार एजेंसी)