सीएम डॉ.यादव बोले-मध्य प्रदेश को रेल कनेक्टिविटी का बड़ा लाभ

Bihar / Jharkhand

(भोपाल,MP)29मई,2025.

प्रधानमंत्री गति शक्ति मास्टर प्लान के अंतर्गत रतलाम-नागदा रेलखंड की तीसरी और चौथी रेल लाइन को मंजूरी के उपलक्ष्य में रेल भवन, नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ़्रेंस में केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना की घोषणा की। इस अवसर पर मंच पर उज्जैन-अलोट के सांसद अनिल फिरोजिया उपस्थित थे, जबकि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव वर्चुअली इस कार्यक्रम से जुड़े। रेल मंत्री ने बताया कि यह परियोजना मध्य प्रदेश के विकास में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में बुनियादी ढांचे को गति देने के लिए लगातार नई परियोजनाओं को स्वीकृति दी जा रही है। 41 किलोमीटर लंबा रतलाम-नागदा रेल सेक्शन अब तीसरी और चौथी लाइन के साथ चार ट्रैकों वाला बन जाएगा, जिसकी कुल लागत 1,018 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है ।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि रतलाम-नागदा के बीच तीसरी और चौथी रेल लाइन बिछाने से प्रतिवर्ष लगभग 7.5 करोड़ लीटर डीजल की बचत होगी। इसके अतिरिक्त, यह परियोजना 38 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को रोकेगी, जो 1.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। इससे पर्यावरण संरक्षण में भी उल्लेखनीय योगदान मिलेगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को जल्द ही तीन नई ट्रेनों की सौगात भी मिलने जा रही है। इनमें पहली ट्रेन रीवा-सतना-जबलपुर-पुणे, दूसरी ट्रेन जबलपुर से रायपुर वाया नैनपुर-गोंदिया और तीसरी ट्रेन ग्वालियर-भोपाल-पुणे-बंगलुरु शामिल हैं। इससे पूर्व करीब दो महीने पहले नई दिल्ली से डॉ. अंबेडकर नगर (महू) के लिए नई ट्रेन सेवा शुरू हो चुकी है।

रतलाम जंक्शन देश के उन महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शनों में शामिल है, जहां से उत्तर (नागदा), दक्षिण (वडोदरा), पूर्व (इंदौर) और पश्चिम (चित्तौड़गढ़) की ओर सीधी रेल कनेक्टिविटी है। इस परियोजना से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली को पश्चिमी तट के बंदरगाहों से तेज और सुगम कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे लॉजिस्टिक्स लागत में कमी और आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी। इस परियोजना से लगभग 27 लाख मानव-दिवस का रोज़गार भी सृजित होगा। इसके अलावा यह रतलाम क्षेत्र से नागदा थर्मल पावर प्लांट, विस्कोस फाइबर एवं केमिकल प्लांट जैसे औद्योगिक इकाइयों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। कृषि उत्पादों, कोयला, कंटेनर और पेट्रोलियम उत्पादों के परिवहन में भी गति और कुशलता आएगी। परियोजना से खजुराहो, ग्वालियर, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, ओंकारेश्वर, सांची, उज्जैन, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, अमरकंटक और भीम जन्मभूमि जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों को जोड़ने में मदद मिलेगी, जिससे राज्य के पर्यटन उद्योग को नया बल मिलेगा।

सिंहस्थ-2028 की तैयारी: उज्जैन में प्रयागराज जैसी रेल सुविधाएं:

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में रेल सुविधाओं के विस्तार का एक नया और स्वर्णिम दौर प्रारंभ हो रहा है। केंद्र सरकार द्वारा रतलाम-नागदा रेलवे मल्टीट्रैकिंग परियोजना को दी गई स्वीकृति को उन्होंने प्रदेश के लिए “बड़ी सौगात” करार दिया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के प्रति आभार प्रकट किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गुरुवार को रेल परियोजनाओं से संबंधित प्रेस वार्ता में पन्ना से वर्चुअली जुड़े थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ-2028 के आयोजन को दृष्टिगत रखते हुए उज्जैन में प्रयागराज की तर्ज पर रेल सुविधाओं का विकास किया जाएगा। साथ ही, खजुराहो जैसे विश्व धरोहर स्थलों तक बेहतर रेल कनेक्टिविटी के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।

दो प्रांतों के लगभग बीस लाख नागरिक होंगे लाभान्वित:
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडलीय आर्थिक मामलों की समिति ने बुधवार को मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के लिए 2 मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं की मंजूरी दी। परियोजना की अनुमानित लागत 3,399 करोड़ रूपए है। इन मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं के अंतर्गत रतलाम से नागदा के मध्य तीसरी और चौथी लाइन बिछाने का कार्य होगा। वहीं महाराष्ट्र में वर्धा से बल्हारशाह तक चौथी रेल लाइन बिछाई जाएगी। इन दोनों मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं के पूर्ण होने पर भारतीय रेल नेटवर्क में लगभग 176 किलोमीटर तक विस्तार होगा। लगभग 784 गांवों में निवासरत 19.74 लाख नागरिकों तक रेलवे संपर्क सुविधा पहुंचेगी। इससे यात्रियों को सुगम एवं निर्बाध यात्रा का लाभ मिलेगा। साथ ही वस्तुओं के परिवहन कार्य को भी गति मिलेगी।(साभार एजेंसी)

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