(नई दिल्ली) 29मई,2024.
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के तत्वावधान में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने कौशल मिशन को आगे बढ़ाते हुए, आज भारत और विश्व स्तर पर कौशल विकास एवं आजीवन सीखने को आगे बढ़ाने के लिए एक रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की। इस सहयोग का उद्देश्य दुनिया भर में लोगों को आवश्यक कौशल और योग्यताओं से सुसज्जित करके उन्हें सशक्त बनाना है, जिससे रोजगार क्षमता व सतत आर्थिक विकास में वृद्धि हो सके। इस कार्यक्रम में कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी और मंत्रालय के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
इस समझौता ज्ञापन पर राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और एनएसडीसी इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक श्री वेद मणि तिवारी, और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) में रोजगार नीति, नौकरी निर्माण और आजीविका विभाग के निदेशक श्री संघोन ली द्वारा हस्ताक्षर किए गए। समझौते में दोनों संगठनों की अपनी ताकत और विशेषज्ञता का लाभ उठाने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई। यह साझेदारी प्रभावी नीतियों, शासन और वित्तपोषण संरचनाओं को विकसित करने के लिए समर्पित है जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कौशल विकास को प्रोत्साहित करेगी। साझेदारी का एक प्रमुख पहलू स्किल इंडिया डिजिटल केंद्र (एसआईडीएच) का कार्यान्वयन है। यह डिजिटल परिवर्तन कौशल विकास पहलों को सुव्यवस्थित करेगा तथा उनकी दक्षता, पहुंच और वैश्विक प्रभाव को बढ़ाएगा।
साझेदारी की सराहना करते हुए कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने कहा कि साझेदारी का एक प्रमुख पहलू स्किल इंडिया डिजिटल केंद्र (एसआईडीएच) को अपनाना है और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के सदस्य देशों में सरकारें, श्रमिक और नियोक्ता संगठन शामिल होंगे तथा लागत प्रभावी मॉडल के आधार पर प्रणाली, प्रक्रियाओं, कौशल वितरण और नौकरी मिलान को डिजिटल बनाने के लिए एसआईडीएच का उपयोग करने में सक्षम होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह डिजिटल परिवर्तन कौशल विकास पहल की दक्षता को बढ़ाएगा, जिससे वे विश्व स्तर पर अधिक सुलभ और प्रभावशाली बनेंगे। उन्होंने ऐसी नीतियां और मंच बनाने के लिए कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) की प्रतिबद्धता पर बल दिया जो राष्ट्रीय व वैश्विक स्तर पर सफल होने के लिए प्रतिभाओं के लिए आजीवन सीखने और निरंतर कौशल विकास का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि एसआईडीएच इस प्रतिबद्धता का उदाहरण है और यह साझेदारी सीमाओं के पार कौशल विकास के माध्यम से व्यक्तियों को सशक्त बनाने के साझा मिशन को दर्शाती है।
श्री तिवारी ने यह भी कहा कि अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) का उद्देश्य विशेषज्ञता को कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) की स्किलिंग, रीस्किलिंग और अपस्किलिंग की प्रतिबद्धता के साथ जोड़कर, व्यक्तियों को व्यवधानों से निपटने और एक स्थायी भविष्य बनाने के लिए सशक्त बनाना है। उन्होंने यह भी कहा कि कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) कौशल को बढ़ाएगा और रोजगार क्षमता को प्रोत्साहन देगा, जिससे उभरते नौकरी बाजार में प्रभावशाली बदलाव आएगा।