(नई दिल्ली) 25जून,2024.
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन विभाग राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में भारत की हाल की सफलता की कहानियों को प्रदर्शित करते हुए “वन वीक वन थीम” (ओडब्ल्यूओटी) यानी ‘एक सप्ताह, एक विषय’ अभियान शुरू किया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा – “हमारा उद्देश्य समान परियोजनाओं पर काम कर रहे सभी सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के प्रयासों को एकीकृत करना है, ताकि एक ही समय में समान काम पर प्रयासों (ओवरलैप) को कम किया जा सके और संसाधनों का अधिकतम उपयोग हो सके।” उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के तहत ‘वन वीक वन थीम’ पहल का उद्देश्य सभी के लिए नवाचार को समावेशी बनाना है।
यहां यह बताना उचित होगा कि ‘वन वीक वन थीम’ पहल केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की दिमागी उपज है। ‘ओडब्ल्यूओटी’ पिछले साल शुरू की गई ‘वन वीक वन लैब’ (ओडब्ल्यूओएल) पहल की अगली कड़ी है और उसकी सफलता पर आधारित है। ओडब्ल्यूओएल पहल भी उन्हीं के मार्गदर्शन में संभव हुआ है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने ओडब्ल्यूओएल की पिछले साल की सफलता पर संतोष व्यक्त किया और ओडब्ल्यूओटी के लिए भी वैसी ही सफलता की कामना की। उन्होंन यह भी घोषणा की कि सीएसआईआर प्रयोगशालाओं से इस पहल को आगे बढ़ाते हुए अन्य सुविधाओं तक भी ले जाना है। उन्होंने अगले वर्ष के लिए ‘वन वीक इंटीग्रेटेड थीम’ (ओडब्ल्यूआईटी) यानी हर हफ्ता एकीकृत विषय के रूप में नया एजेंडा भी दिया। उन्होंने यह भी बताया कि कि गहरा-समुद्री (डीप-सी) मिशन, अरोमा मिशन, बाजरा अर्थव्यवस्था, जैव अर्थव्यवस्था और अगली पीढ़ी की तकनीक में लगातार हो रही प्रगति भारतीय अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ने और पांचवीं सबसे बड़ी से चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए प्रेरित करेगी।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी याद किया कि कैसे स्थानीय आबादी इनमें से कुछ प्रयोगशालाओं के अंदर चल रहे काम से अनजान थी, लेकिन उनके बीच जागरूकता पैदा करने के बाद उन्हें ट्यूलिप की खेती की पूरी विकास यात्रा का हिस्सा बनाया जा सका। उन्होंने कहा कि सीएसआईआर द्वारा विकसित 108 पंखुड़ियों वाला कमल इसका एक शानदार उदाहरण है। उन्होंने कहा, “हम सीएसआईआर के दायरे से आगे जा रहे हैं।“
इस अवसर पर सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. एन. कलैसेल्वी और सीएसआईआर-सीबीआरआई, रुड़की के निदेशक आर. प्रदीप कुमार भी उपस्थित थे।(साभार PIB)