हरियाणा सरकार को HC के बाद SC से बड़ा झटका,नौकरियों में 5 नंबर का आरक्षण असंवैधानिक करार

National

(नई दिल्ली) 25जून,2024.

एजेंसी के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार हरियाणा में सरकारी भर्ती परीक्षा में सामाजिक-आर्थिक आधार पिछड़े उम्मीदवारों को 5 नंबर का बोनस अंक दिए जाने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि यह असंवैधानिक है।

बता दें कि हरियाणा सरकार ने कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट में 1.80 लाख सालाना इनकम वाले परिवारों को यह आरक्षण दिया था। जिसमें परिवार पहचान पत्र वाले युवाओं को ही इसका फायदा दिया जाता था। इससे पहले पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इसे खारिज किया था। हाईकोर्ट ने कहा था- यह एक प्रकार से आरक्षण देने जैसा है। जब आर्थिक पिछड़ा वर्ग के तहत राज्य सरकार ने पहले ही आरक्षण का लाभ दिया है तो यह आर्टिफिशियल श्रेणी क्यों बनाई जा रही है। हाईकोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी। सरकार ने एग्जाम करवाने वाले हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के जरिए सुप्रीम कोर्ट में 4 पिटीशन दायर की थी।

वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से साल 2023 में निकाली गई ग्रुप C और D में नियुक्ति पा चुके 23 हजार युवाओं को दोबारा एग्जाम देना पड़ेगा। अगर वे पास नहीं हो पाए तो नौकरी से बर्खास्त हो जाएंगे। 2023 में मनोहर लाल खट्‌टर की अगुआई में सरकार ने बोनस अंक की योजना बनाई थी। जिसमें कहा गया कि जिन भी परिवारों की एनुअल इनकम 1.80 लाख से कम है। घर में पहले से किसी की सरकारी नौकरी नहीं है। उन्हें ग्रुप C (क्लेरिकल स्टाफ) और ग्रुप D (दर्जा चार) के कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) में 5 बोनस अंक दिए जाएंगे। सरकार ने इसे सामाजिक-आर्थिक आरक्षण करार दिया था। सरकार ने इनकम निर्धारित करने के लिए परिवार पहचान पत्र (PPP) को आधार बनाया था। यह हरियाणा सरकार की पूरे परिवार की सिंगल आइडेंटिटी का डॉक्यूमेंट है।(साभार समाचार एजेंसी)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *