(नई दिल्ली )25जून ,2024.
राष्ट्रीय जल मिशन (एनडब्ल्यूएम), जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग (डीओडब्ल्यूआर), जल शक्ति मंत्रालय ने नई दिल्ली में ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन- 2024’ (जेएसए: सीटीआर 2024) के केंद्रीय नोडल अधिकारियों (सीएनओ) और तकनीकी अधिकारियों (टीओ) के लिए एक कार्यशाला और अभिविन्यास (ओरिएंटेशन) कार्यक्रम का साथ-साथ आयोजन किया। ये अधिकारी अभियान के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए 151 लक्षित जिलों का दौरा करेंगे। इस कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी. आर. पाटिल और जल शक्ति राज्य मंत्री डॉ. राज भूषण चौधरी भी उपस्थित थे।
सीएनओ और टीओ से मिलकर बनी एक केंद्रीय टीम आवंटित जिलों का दो बार दौरा करेगी। कार्यशाला में जिलों का दौरा करने वाले अधिकारियों की भूमिका और जिम्मेदारियों पर प्रकाश डाला गया। जल संरक्षण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करने के लिए ‘नारी शक्ति से जल शक्ति’ थीम के साथ देश के सभी जिलों (ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों) में 09.03.2024 से 30.11.2024 तक जेएसए:सीटीआर-2024 अभियान चलाया जा रहा है।
उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, श्री पाटिल ने जल क्षेत्र में किए गए जल शक्ति मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने जल की बढ़ती मांग को पूरा करने की दिशा में और ज्यादा काम किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने सूरत नगर निगम का उदाहरण देते हुए उद्योगों को किफायती दरों पर उपचारित जल की आपूर्ति करने और सतत वनरोपण के कार्यान्वयन की दिशा में किए गए प्रयासों का हवाला दिया। केंद्रीय मंत्री ने जल शक्ति मंत्रालय द्वारा शुरू की गई/ संचालित विभिन्न योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जल क्षेत्र में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों की भागीदारी पर जोर दिया। श्री पाटिल ने कार्य-उन्मुख नीति और योजनाओं के माध्यम से जल के लिहाज से सुरक्षित भविष्य के लिए अपनी प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया। उन्होंने आम जनता सहित सभी लोगों के लिए जल संबंधी मुद्दों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित संचार के हर माध्यम से सुझावों के लिए मंत्रालय तक पहुंचने का एक रास्ता भी खोला।
अपने उद्घाटन भाषण में, सचिव (पेयजल एवं स्वच्छता विभाग) सुश्री विनी महाजन ने भागीदार मंत्रालयों/ विभागों और राज्य सरकार की एजेंसियों को शामिल करते हुए ‘समग्र सरकार’ का दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने वर्षा जल संचयन से जुड़ी संरचनाओं की स्थापना को बढ़ाने के लिए शहरी अधिकारियों के साथ-साथ ग्रामीण एजेंसियों के साथ मिलकर काम करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारे पानी का मुख्य स्रोत वर्षा जल है और इसलिए हमारे जल स्रोतों को अधिकतम मात्रा में वर्षा से प्राप्त जल को जमा करने के लिए तैयार रहना चाहिए। बारिश जहां भी ,जब भी हो,उसे इकट्ठा करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए(साभार PIB)