(वाराणसी)05अगस्त,2024.
पेरिस ओलंपिक में पूर्वांचल के वाराणसी और गाजीपुर के दो खिलाड़ियों के गोल से हॉकी टीम सेमीफाइनल में पहुंच गई। इसको लेकर दोनों खिलाड़ियों के गांव में जश्न मनाया जा रहा है। बेटों को देश के लिए खेलते देख परिवार के लोगों की आंखें नम हो गईं।
पेरिस ओलंपिक 2024 में पूर्वांचल के दो युवाओं ने झंडा बुलंद किया है। वाराणसी के ललित उपाध्याय और गाजीपुर के राजकुमार के परिवार के लोगों ने बेटों को विदेश में खेलते देख जश्न मनाने लगे। सेमीफाइनल में पहुंचते ही परिवार की आंखें खुशी से नम हो गईं।
पिता सतीश उपाध्याय ने कहा कि बेटे को देश के लिए खेलता देखकर मन खुश हो गया। ललित और राजकुमार के गोल से देश सेमीफाइनल में चला गया है। इसको लेकर पूरे गांव के लोग जश्न मना रहे हैं। इससे पूर्वांचल और उत्तर प्रदेश का नाम रौशन हो रहा है। हमारे पीएम मोदी और सीएम योगी ने खेल और खिलाड़ियों को जिस तरह आगे बढ़ा रहे हैं, वह काबिल-ए-तारीफ है।
वहीं मां रीता उपाध्याय ने कहा कि मैच जब ड्रॉ हुआ तो मन में भय बन गया था लेकिन भगवान शिव से हम लोग मना रहे थे कि हम जीत जाए। मैं काशी विश्वनाथ से मना रही थी। मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई थी। मैं कामना करूंगी की पूरी टीम सेमीफाइनल से फाइनल में पहुंचे और भारत देश का नाम रौशन करे।
पेरिस में चल रहे ओलंपिक में हॉकी मैच के दौरान काशी में भी खासी हलचल रही। यहां के खिलाड़ी ललित उपाध्याय इसमें बैकवर्ड की भूमिका में हैं। रविवार को भारत की टीम ब्रिटेन के सामने क्वार्टर फाइनल खेलने उतरी थी और मैच 1-1 से अंतिम तक बराबरी पर रहा। इसके बाद पेनल्टी शूटआउट शुरू हुआ।
पेनल्टी शूटआउट के दौरान ललित उपाध्याय के घर उनकी मां ने अपनी आंखें बंद लीं और आंख तभी खोली जब भारत की टीम जीत गई। उन्होंने अमर उजाला को बताया कि मैच बेहद रोमांचक था, ड्राॅ मैच ने दिल की धड़कने बढ़ा दीं थीं। जब पेनल्टी शूटआउट का वक्त आया तो मैंने आंखें बद लीं और काशी विश्वनाथ नाम जपने लगी। आंख तभी खोली जब ललित ने गोल मार दिया और भारत मैच जीत गया।
राजकुमार को शुरू से ही हॉकी खेलने का शौक था:
गाजीपुर के करमपुर गांव के निवासी राजकुमार पाल के परिजनों ने भी जश्न का माहौल है। राजकुमार जब 12 वर्ष के थे तभी उनके पिता कल्पनाथ पाल की मृत्यु हो गई थी। मां मनराजी देवी ने कहा कि बेटे को बचपन से ही हॉकी खेलने का शौक था। वह मेघबरन स्टेडियम में प्रतिदिन सुबह और शाम को प्रैक्टिस करने जाता था(साभार अ.उ.एजेंसी)