(मेरठ)11अक्टूबर,2024.
एजेंसी के अनुसार मेरठ के चौधरी चरण सिंह विवि परिसर में शोध के लिए प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी लैब बनेगी। विश्वविद्यालय की ओर से इस लैब को सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन फैसिलिटी लैब नाम दिया गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस लैब के बनने के बाद सीसीएसयू से शोध करने वाले छात्रों को रिसर्च के लिए रुड़की, कानपुर और दिल्ली जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दिवाली बाद इस पर काम शुरू हो जाएगा।
2025 तक परिसर में 30 करोड़ रुपये की लागत से लैब तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए पीएम उषा योजना से विवि को ग्रांट मिली है। इससे शोधार्थियों को एक ही जगह भौतिक विज्ञान, जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान और इंजीनियरिंग सहित विभिन्न पाठ्यक्रमों पर केंद्रित अत्याधुनिक उपकरणों वाली यह प्रयोगशाला मिल जाएगी।
सबसे बड़ी बात यह कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसी भी राज्य विश्वविद्यालय में अभी तक इस प्रकार की कोई प्रयोगशाला नहीं बनाई गई है। इसलिए सीसीएसयू के लिए भी यह बड़ी बात होगी।
विवि को इसकी ग्रांट मिल चुकी है, जल्दी इसका काम शुरू होने की उम्मीद है। लैब से सीसीएसयू से संबंधित कॉलेजों के छात्रों को भी उपकरण पर काम करने की सुविधा मिलेगी। अन्य राज्य विवि, कॉलेज एवं स्वतंत्र संस्थाएं भी अनुमति के बाद सीआईएफ के उपकरणों का शोध के लिए प्रयोग कर सकेंगी।
शोध के क्षेत्र में बड़े काम हो सकेंगे:
विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार धीरेंद्र कुमार का कहना है कि विवि की सीआईएफ वेस्ट यूपी में शोध उपकरणों के लिए सबसे बड़ी लैब होगी। अभी आईआईटी रुड़की में यह सुविधा है या फिर डीयू में। शोध के क्षेत्र में इस पर बड़े काम हो सकेंगे।
कैंटीन की तरफ बनेगी यह लैब:
परिसर में स्थित कैंटीन की ओर इस प्रयोगशाला का निर्माण किया जाएगा। सीआईएफएल से कैंटीन, छात्रसंघ कार्यालय और कैफे दूसरी जगह स्थानांतरित किए जाएंगे। सीआईएफ में रहेंगे। लैब के उपकरणों की बात की जाए तो इसमें सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन फैसिलिटी के you छात्रों को अत्याधुनिक एक्स-रे, फील्ड इमिशन माइक्रोस्कॉप, रमन स्पेक्ट्रोस्कॉपी, कंप्यूटर लैब ऑप्टिमाइजेशन लर्निंग टूल, सॉफ्टवेयर लैब आदि की सुविधा प्रदान की जाएगी।(साभार एजेंसी)