पहले पीवी सिंधू और फिर लक्ष्य सेन। अरसे बाद सैयद मोदी इंडिया इंटरनेशनल एचएसबीसी वर्ल्ड टूर सुपर 300 बैडमिंटन चैंपियनशिप में भारतीय शटलरों का दबदबा देखने को मिला। सिंधू ने चीन की लियू यू को 21-14, 21-16 से हराकर तीसरी बार खिताब पर कब्जा जमाया। इस खिताब के साथ उन्होंने दिग्गज साइना नेहवाल के तीन खिताबों की बराबर हासिल कर ली। उधर, पुरुष एकल में युवा शटलर लक्ष्य सेन ने अपनी श्रेष्ठता साबित करते हुए खिताब अपने नाम किया। एकतरफा फाइनल में उन्होंने सिंगापुर के जिया हेंग जेसन तेह को 21-6, 21-7 से हराया। प्रतियोगिता के महिला युगल में भारत की त्रिशा जॉली व गायत्री गोपीचंद ने इतिहास रचा। दोनों की जोड़ी ने यह खिताब जीतकर सैयद मोदी बैडमिंटन के महिला युगल में चला आ रहा सूखा खत्म कर दिया। इस भारतीय जोड़ी ने चीन की बाओ ली जिंग व ली कियान को 21-18, 21-11 के अंतर से पराजित किया। प्रतियोगिता के थाईलैंड के डी.पुवारानुक्रोह व सुपिसारा पेवसम्प्रान ने भारत की तनीषा क्रास्टो और ध्रुव कपिला की जोड़ी को 18-21, 21-14, 21-8 और पुरुष युगल फाइनल में चीन के हुआंग डी व लियू यांग ने भारत के साई प्रतीक व पृथ्वी कृष्णामूर्ति के.राय को 21-14, 19-21, 21-17 से पराजित किया।
लक्ष्य का कोई जवाब नहीं:
शुरुआती मुकाबलों की तरह पुरुष एकल में लक्ष्य सेन ने फाइनल में भी अपना दबदबा कायम करते हुए पहली बार सैयद मोदी बैडमिंटन का खिताब अपने नाम किया। महज 31 मिनट तक चले मुकाबले में लक्ष्य ने अपने दमदार प्रदर्शन से मुकाबले को पूरी तरह एकतरफा बना दिया। दूसरी ओर सिंगापुर के चौथी वरीय खिलाड़ी जिया हेंग जेसन तेह कहीं से भी रंग में नहीं दिखे। लक्ष्य ने मुकाबला 21-7, 21-7 से हराते हुए पुरुष एकल खिताब पर कब्जा जमाया।
एक दमदार स्मैश और खेल खत्म:
सैयद मोदी बैडमिंटन के शुरुआती मुकाबलों में संघर्ष करने वाली पीवी के लिए फाइनल मुकाबला अपेक्षाकृत काफी आसान रहा। उन्होंने चीन की लियू यू के खिलाफ पहला गेम 21-14 से अपने नाम किया। दूसरे गेम में लियू यू ने वापसी का प्रयास किया, लेकिन पीवी सिंधू के दमदार खेल के आगे उनकी एक न चली। 20-16 के स्कोर पर पीवी सिंधू का झन्नाटेदार स्मैश का चीनी शटलर के पास कोई भी जवाब नहीं था। इस तरह 47 मिनट में चले मुकाबले को जीतकर पीवी सिंधू ने सैयद मोदी बैडमिंटन में तीसरी बार महिला एकल खिताब अपने नाम किया।
थाइलैंड के नाम मिश्रित युगल खिताब:
दिन की शुरुआत मिश्रित युगल फाइनल से हुई, जिसमें पांचवीं वरीयता प्राप्त भारत के ध्रुव कपिला के सामने छठीं वरीय थाईलैंड के डी.पुवारानुक्रोह व सुपिसारा पेवसम्प्रान की चुनौती थी। भारतीय जोड़ी ने धमाकेदार अंदाज में मुकाबले की शुरुआत करते हुए पहला गेम 21-18 से अपने नाम किया। दूसरे गेम में थाईलैड की जोड़ी ने वापसी की और गेम 21-14 से अपने नाम करते मुकाबला बराबरी पर ला दिया। तीसरे और निर्णायक गेम में पुवारानुक्रोह व सुपिसारा ने बेहतर तालमेल की बदौलत दबदबा कायम किया और 21-8 के स्कोर से मुकाबला जीतते हुए खिताब अपने नाम किया।
खिताब के करीब जाकर चूकी प्रतीक और पृथ्वी की जोड़ी:
पुरुष युगल फाइनल में भारत की साई प्रतीक व पृथ्वी कृष्णामूर्ति के.राय की जोड़ी चीन की दीवार को नहीं लांघ सकी। मुकाबले का पहला गेम चीन के हुआंग डी व लियू यांग 21-14 से जीता। प्रतीक और पृथ्वी ने दूसरे गेम में चीनी जोड़ी को कड़ी टक्कर दी और 21-19 से जीत दर्ज करते हुए बराबरी हासिल की। तीसरे गेम में दोनों जोड़ियों के बीच एक-एक अंक के लिए कड़ा मुकाबला देखने को मिला, लेकिन निर्णायक मौके पर चीनी जोड़ी ने अंक बटोरते हुए मुकाबला 21-17 से जीत कर खिताब पर कब्जा जमाया।
महिला युगल में मिला पहला भारतीय चैंपियन:
सैयद मोदी बैडमिंटन की महिला युगल स्पर्धा में सालों से चला आ रहा सूखा आखिरकार खत्म हो गया। दूसरी वरीयता प्राप्त भारत की त्रिशा जॉली व गायत्री गोपीचंद की जोड़ी ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए यह उपलब्धि हासिल की। 41 मिनट तक खिंचे मुकाबले में उन्होंने चीन की गैरवरीय जोड़ी चीन की बाओ ली जिंग व ली कियान के खिलाफ पहला गेम कड़े मुकाबले में 21-18 से अपने नाम किया। इसके बाद भारतीय जोड़ी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और 21-11 के स्कोर से दूसरा गेम जीतते हुए खिताब अपनी झोली में डाला।(साभार एजेंसी)