(श्रावस्ती UP)16फरवरी,2025.
बुद्ध की तपोस्थली श्रावस्ती अनुयायियों से गुलजार रही। थाईलैंड से आए उपासकों ने गंध कुटी स्थित सभामंडप पर विश्व शांति के लिए प्रार्थना की। इस दौरान अनुयायियों ने भिक्षु भंवरानंद के नेतृत्व में बुद्ध प्रार्थना भी की।
इस दौरान भिक्षु भंवरानंद ने कहा कि बुद्ध के अनुसार मानव जीवन दुखों से परिपूर्ण है। प्रथम आर्य सत्य में बुद्ध ने यह बताया है कि संसार में सभी वस्तुएं दुखमय हैं। बुद्ध ने अष्टांगिक मार्ग को इसके लिए उपयुक्त बताया। बुद्ध के अनुसार अष्टांगिक मार्ग का पालन करने से मनुष्य की तृष्णा खत्म हो जाती है और मनुष्य को निर्वाण प्राप्त हो जाता है। बुद्ध ने निर्वाण प्राप्ति को सरल बनाने के लिए निम्न दस शीलों पर बल दिया। अहिंसा, सत्य, अस्तेय (चोरी न करना), अपरिग्रह (किसी प्रकार की संपत्ति न रखना), मध सेवन न करना, असमय भोजन न करना, सुखप्रद बिस्तर पर नहीं सोना, धन संचय न करना, स्त्रियों से दूर रहना, नृत्य गान आदि से दूर रहना।इस मौके पर काफी संख्या में उपासक मौजूद रहीं।(साभार एजेंसी)