(लखनऊ UP)02मई,2025.
उत्तर प्रदेश में खाद्य सुरक्षा और व्यवसाय सुगमता के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अनुसार, राज्य में खाद्य लाइसेंस और पंजीकरण में पिछले कुछ वर्षों में 200 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है। यह उपलब्धि न सिर्फ खाद्य व्यवसायियों के लिए, बल्कि उपभोक्ताओं की सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। वर्तमान में प्रदेश में 1.16 लाख फूड लाइसेंस और लगभग 7.43 लाख फूड रजिस्ट्रेशन सक्रिय हैं।
योगी सरकार ने फूड एंड रेस्टोरेंट बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए लाइसेंसिंग और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को आसान बनाया है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, फूड सेफ्टी कनेक्शन एप से फूड लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी करने की सुविधा दे रहा है। इसके तहत हाई रिस्क फूड बिजनेस को छोड़कर सभी आवेदन 24 घंटे में निस्तारित किए जा रहे हैं।
खाद्य सुरक्षा और मिलावट की रोकथाम के लिए विभाग सभी मंडलों में फूड एंड ड्रग एनालिसिस हाइटेक लैब भी स्थापित कर रहा है। साथ ही 36 सचल खाद्य प्रयोगशाला पूरे प्रदेश में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और मानकों की जांच करती है।
फूड एंड रेस्टोरेंट बिजनेस को मिली उड़ान:
विभाग के मुताबिक वर्ष 2016-17 में प्रदेश में 12 लाख रुपये तक की 1.99 लाख इकाइयां पंजीकृत थीं, जो अब 271 प्रतिशत बढ़कर 7.43 लाख हो गई है। 12 लाख से 30 करोड़ रुपये तक के लाइसेंस की संख्या वर्ष 2016-17 में 36984 से बढ़कर वर्तमान में 1.16 लाख हो गई है। फूड लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन में यह वृद्धि फूड एंड रेस्टोरेंट बिजनेस में होने वाली बढ़ोतरी का संकेत है(साभार एजेंसी)