(नई दिल्ली)18मई,2025.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारतीय लोग ऐसे देशों की अर्थव्यवस्था को मदद नहीं दे सकते जो भारत के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं। इसका मतलब यह है कि हमें ऐसे देशों से सामान खरीदने (आयात) या वहां घूमने (पर्यटन) से बचना चाहिए जो भारत विरोधी रुख अपनाते हैं। उनका यह बयान उस समय आया है जब तुर्किये और अजरबैजान के खिलाफ व्यापार और पर्यटन का बहिष्कार चल रहा है। इन दोनों देशों ने हाल ही में पाकिस्तान का साथ दिया, जब भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया।
‘हर चीज को देशभक्ति के आधार पर देखना जरूरी’
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हर व्यक्ति को देश की सुरक्षा में सहयोग देना चाहिए। खासकर व्यापार, वाणिज्य, और उद्योग जैसे क्षेत्र सुरक्षा मामलों में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘क्या हम ऐसे देशों को सशक्त बना सकते हैं जो हमारे खिलाफ हैं? समय आ गया है कि हम सभी को आर्थिक राष्ट्रवाद के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए।’ उपराष्ट्रपति धनखड़ ने यह भी कहा कि हम अब ऐसे देशों की अर्थव्यवस्था को और मजबूत नहीं कर सकते जो संकट के समय भारत के खिलाफ खड़े होते हैं। उनका कहना था कि हर चीज को देशभक्ति के आधार पर देखना जरूरी है।
ऑपरेशन सिंदूर और देशों की भूमिका:
तुर्किये ने पाकिस्तान का समर्थन किया और भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकियों पर किए गए हमलों की आलोचना की। पाकिस्तान ने इस संघर्ष के दौरान तुर्की से मिले ड्रोन का इस्तेमाल किया। अजरबैजान ने भी पाकिस्तान को समर्थन दिया। इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए भारत में तुर्किये और अजरबैजान के खिलाफ आवाजें उठ रही हैं कि इन देशों से आयात और पर्यटन पर रोक लगाई जाए।
क्या है आर्थिक राष्ट्रवाद?:
आर्थिक राष्ट्रवाद का मतलब है कि हम उन उत्पादों और सेवाओं को अपनाएं जो देश में बनी हों और ऐसे देशों को आर्थिक लाभ न दें जो हमारे देश के खिलाफ काम करते हैं। उपराष्ट्रपति