(अयोध्या UP)09जून,2025.
रामनगरी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक हुई। इसमें श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के चारों द्वारों के नाम पर सहमति बन गई। रामपथ पर बिड़ला धर्मशाला के सामने वाले वर्तमान जन्मभूमि द्वार समेत क्षीरेश्वर महादेव के सामने और उसके आगे निर्माणाधीन द्वार के साथ रामकोट मोहल्ले में रामजन्मभूमि के उत्तरी द्वार का नाम तय कर लिया गया है। इनमें अधिकांश द्वार अभी निर्माण की प्रक्रिया में हैं।
मणि रामदास छावनी में श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने पत्रकारों को बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि द्वारों के नाम जगद्गुरु रामानंदाचार्य, जगद्गुरु मध्वाचार्य, जगद्गुरु शंकराचार्य और जगद्गुरु रामानुजाचार्य के नाम पर होंगे।
अन्य भवनों के नाम अभी विचाराधीन हैं। महासचिव ने कहा कि बैठक में में उपस्थिति शत प्रतिशत थी। 11 ट्रस्टी खुद उपस्थित थे और तीन ट्रस्टी प्रदेश के गृह सचिव संजय प्रसाद, प्रख्यात अधिवक्ता केशव पाराशरन व अयोध्या राज परिवार के राजा विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र अलग अलग कारणों से ऑनलाइन सम्मिलित हुए। एक ट्रस्टी का पद अभी रिक्त है।
नवंबर में राम जन्मभूमि के मंदिरों पर किया जाएगा ध्वजारोहण:
ट्रस्ट महासचिव ने यह भी बताया कि नवंबर माह में रामजन्मभूमि के मंदिरों पर ध्वजारोहण किया जाएगा। सप्तमंडप पूर्ण हो गए हैं। ऋषियों समेत निषादराज, शबरी, अहिल्या माता की मूर्तियां स्थापित हो गई हैं। प्रथम तल पर श्रीराम दरबार की सीढ़ियों पर रेलिंग और लिफ्ट का काम पूरा होने पर ही श्रद्धालुओं के लिए दर्शन प्रारम्भ हो पाएगा। इसके अलावा लगभग चार किमी की दीवार, ऑडिटोरियम, तीर्थ क्षेत्र कार्यालय का निर्माण भी होना है। इसमें वर्ष भर का समय लग सकता है।(साभार एजेंसी)