हाई कोर्ट में अंबेडकर की मूर्ति लगाने कांग्रेस करेगी चरणबद्ध आंदोलन

MP/ Chhatishgarh

(भोपाल ,MP )18जून,2025.

मध्य प्रदेश के ग्वालियर हाई कोर्ट में संविधान निर्माता डॉ.भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने को लेकर मचे विवाद के बीच अब कांग्रेस प्रदेश व्यापी चरणबद्ध आंदोलन करेगी। एमपी कांग्रेस 23 से 25 जून तक प्रदेश भर में इस मुद्दे पर जनजागरण अभियान चलाएगी। भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, विधायक फूल सिंह बरैया ने इस मामले को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

वैचारिक जनजागरण आंदोलन:
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा, ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में बाबा साहब की मूर्ति नहीं लगने दी जा रही है। इसे लेकर कांग्रेस पार्टी 23 जून से 25 जून तक तीन दिनों का एक वैचारिक जनजागरण आंदोलन करने जा रही है। कांग्रेस पार्टी समाज के सभी वर्गों को यह बताएगी कि बाबा साहब ने जो संविधान बनाया उसमें सभी को अधिकार दिए गए हैं।

23 से शुरू होगा चरणबद्ध आंदोलन:
23 जून : कांग्रेस के सभी नेता कार्यकर्ता घर-घर जाकर संविधान की चर्चा करेंगे।
24 जून : किसी भी एक मोहल्ले, बस्ती में वंचित वर्ग के लोगों के साथ सामूहिक भोजन करेंगे। और संविधान की चर्चा करेंगे।
25 जून : विधायक, जिलाध्यक्ष और सभी वरिष्ठ नेताओं द्वारा ग्वालियर में सामूहिक उपवास किया जाएगा।

अंबेडकर की जगह बीएन राव को बताया जा रहा संविधान निर्माता
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने अंबेडकर जी पर टिप्पणी की। उन्होंने जो निर्देश दिए उसके बाद मप्र में बीजेपी के नेताओं ने अंबेडकर जी के अपमान की कसम खा ली है। ग्वालियर में एक पोस्टर लगातार चलाया जा रहा है। जिसमें आम जनता को यह बताने की कोशिश की जा रही है कि संविधान का निर्माण बाबा साहब अंबेडकर ने नहीं बल्कि बीएन राव ने किया था। यह संविधान बदलने की कोशिश की जा रही है। पर्दे के पीछे से नागपुर के एजेंडे को लागू करने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में देशभक्त संविधान को मानने वाले हम कांग्रेस के लोग चुप नहीं बैठेंगे। अशोकनगर, दतिया, दमोह सहित कई जिलों में बाबा साहब की प्रतिमाएं तोड़ी गई लेकिन पुलिस ये पता नहीं लगा पाई कि आखिर अपराधी कौन हैं।

कोई संविधान प्रेमी ऐसी सोच अपने जीवन में नहीं रख सकता:
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा कि ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में बाबासाहेब की प्रतिमा को लेकर विवाद खड़ा किया जा रहा है। कोई संविधान प्रेमी ऐसी सोच अपने जीवन में नहीं रख सकता। लेकिन दुर्भाग्य है कि इस तरह का कृत्य एक सोच के लोग करवा रहे हैं। इस सोच के लोग शुरुआत में भी विवाद करवा चुके हैं। अब विवाद इस बात पर कराने की कोशिश हो रही है कि संविधान किसने लिखा? देश का हर नागरिक जानता है संविधान किसने लिखा। संविधान सभा की जो प्रोसिडिंग है, जो चर्चा हुई और उसमें किसका क्या योगदान है, वह सबको पता है। उसके बाद नया विवाद कैसे उत्पन्न किया जाए। उस मकसद से आरएसएस के नागपुर मुख्यालय से शुरू होकर आज यह विवाद आगे बढ़ता हुआ हम लोग देख रहे हैं। देश का सच्चा नागरिक होने के नाते। संविधान में पूरी आस्था रखने के नाते। कांग्रेस पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता और नेता मजबूती से इस पक्ष में है कि बाबा साहब की मूर्ति हाईकोर्ट परिसर में लगनी चाहिए।

बीएन राव केवल सलाहकार थे:
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि बाबा साहब को संविधान सभा का अध्यक्ष बनाए जाने का निर्णय गांधी जी की सलाह पर लिया गया, ताकि उत्पीड़ित वर्ग का प्रतिनिधित्व हो। बीएन राव केवल सलाहकार थे, न कि संविधान सभा के सदस्य। उनके नाम पर बाबा साहब के योगदान को नकारना गलत है।आरएसएस ने संविधान जलाया और तिरंगे का विरोध किया, अब बाबा साहब की मूर्ति और उनके योगदान का विरोध कर रहा है। भाजपा का मौन और दोहरा चरित्र इस मामले में स्पष्ट है।

आरएसएस ने आज तक दलित आदिवासी को नहीं बनाया प्रमुख
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि यह एक सोच है जो संविधान बदलने का प्रयास कर रही है। यह सोच ही वर्ग संघर्ष कराना चाहती है। यह सोच अकेले बीजेपी की नहीं, बल्कि आरएसएस की है। इन लोगों ने 50 साल तक कभी देश का झंडा नहीं फहराया। आरएसएस में किसी दलित आदिवासी को आज तक प्रमुख नहीं बनाया। भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस लोगों को वर्गों में बांटना चाहती है। कांग्रेस सामाजिक रूप से चंबल और मध्य प्रदेश के लोगों को यह बात समझाना चाहती है कि भारतीय जनता पार्टी किस तरह 2028 से फूट डालो राज करो की नीति पर काम कर रही है।(साभार एजेंसी)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *