( लखनऊ,UP)25जुलाई,2025.
शून्य से व्यवसाय शुरू करने की मंशा रखने वालों के लिए आर्थिक संबल बनी स्टैंडअप इंडिया योजना में लखनऊ प्रदेश और मंडल दोनों स्तरों पर टॉप पर है। बीते 10 वर्षों में सार्वजनिक बैंकों ने 17,845 लाभार्थियों को 2965 करोड़ रुपये का कर्ज देकर योजना को जीवंत बनाए रखा है। जहां सार्वजनिक बैंक योजना को गति दे रहे हैं, वहीं निजी बैंक अब भी संकोच में हैं। सरकार यदि निजी बैंकों की भागीदारी बढ़ाने के उपाय करे, तो योजना और व्यापक असर दिखा सकती है।
स्टैंडअप इंडिया के तहत हर बैंक शाखा को एक एससी, एक एसटी और एक महिला उद्यमी को 10 लाख से 1 करोड़ रुपये तक का ऋण देना तय है। लखनऊ में 2024 पात्रों में से 1291 को कुल 242.23 करोड़ रुपये का कर्ज बांटा गया। इसके बाद आगरा और कानपुर नगर का स्थान रहा। सार्वजनिक बैंकों ने अब तक 24,811 पात्रों के कर्ज मंजूर किए, जिनमें से 17,845 को लाभ मिला।
निजी बैंक और ग्रामीण बैंक पीछे:
ग्रामीण बैंक: 2,178 पात्रों में से 1,873 को ही मिला कर्ज, कुल राशि 311.47 करोड़
निजी बैंक: 1,633 में से केवल 493 पात्रों को मिला ऋण, कुल 138.86 करोड़ रुपये
कुल टारगेट: 33,640 पात्रों में से अब तक 28,625 को मंजूरी, पर केवल 20,214 को मिला ऋण
उत्तर प्रदेश बना देश का अग्रणी राज्य:
योजना के राष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। यह सफलता बताती है कि प्रदेश में योजना का क्रियान्वयन अन्य राज्यों की तुलना में अधिक प्रभावी रहा है।
2025 में आए ये अहम बदलाव
वित्त मंत्रालय ने योजना में वर्ष 2025 से कुछ संशोधन किए हैं।
परियोजना लागत में बदलाव: अब सब्सिडी की दर 25% से घटाकर 15% कर दी गई है।
नई श्रेणियां शामिल:अब रेशम पालन,मधुमक्खी पालन, एग्री-बिजनेस और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को भी योजना में कर्ज मिलने का रास्ता साफ हो गया है।(साभार एजेंसी)