गंगा और रामगंगा उफनाईं,28 गांवों में भरा बाढ़ का पानी

UP / Uttarakhand

(बदायूं,UP)09अगस्त,2025.

बदायूं शहर के उत्तर से होकर गुजर रही रामगंगा और दक्षिण में गंगा उफनाई हुई है। दोनों नदियों से 28 गावों के हजारों लोग प्रभावित हैं। गंगा का जलस्तर पिछले पांच दिनों से खतरे के निशान से ऊपर चल रहा है। इससे दातागंज और सहसवान के 22 गांवों में पानी भर गया है। यहां लोगों को शरणार्थी शिविरों में पहुंचाया जा रहा है। बृहस्पतिवार से रामगंगा का भी जलस्तर बढ़ने लगा। शुक्रवार को इसकी बाढ़ से छह गावों में पानी भर गया है। इन गांवों से आवागमन ठप हो गया है।

रामगंगा का पानी बृहस्पतिवार रात से तेजी से बढ़ा है। इससे दातागंज क्षेत्र के गांवों में पानी भर गया। शुक्रवार दोपहर तक शाहजहांपुर मार्ग पर पानी आ गया। इसी दौरान नगरिया खनू गांव निवासी श्यामवती कोल्ड स्टोरेज में काम करके वापस लौट रही थी। रोड पर पानी आने से वह घिर गई।

लगातार पानी बढ़ता देख वह चिल्लाने लगी। यह देख ग्रामीणों ने प्रशासन को सूचना दी। इसके बाद स्टीमर के जरिए से उसे पानी से बाहर निकाला गया। गढि़यारंगीन गांव से शाहजहांपुर जाने वाले मार्ग पर पानी भर गया। इसी तरह नवादा बदन से गढ़िया पैगम्बरपुर मार्ग, हजरतपुर से गढ़िया रंगीन मार्ग पर पानी भर गया है।

अब यहां से लोग नाव से आवागमन कर रहे हैं। जान जोखिम डालकर कुछ ग्रामीण ट्रैक्टर निकाल रहे हैं। शेरपुर के पास पानी सड़क पर आ गया है। इसी तरह नवादा बदन गांव की पुलिया की एप्रोच कट गया है।

ग्रामीण दुष्यंत, राहुल ने बताया कि नगरिया खनू का मजरा कटकोरा, बेलाडांडी का मजरा देवरनियां, कटक और गढि़या पैगम्बरपुर चारों तरफ से पानी से घिर गया है।

किराए पर लाते बैटरी, फिर चार्ज करते फोन:
सहसवान के वीरसहाय नगला गांव निवासी जयकुमार ने बताया कि गांव में पानी भर गया है। आधे गांव में दो नाव चल रही हैं। प्रशासन की ओर से ग्रामीणों से वार्ता नहीं की गई। न ही किसी तरह की व्यवस्था की गई। उन्होंने बताया कि घर के अंदर रखा बिस्तर, चप्पल, जूते, फ्रिज, पानी के बर्तन सहित अन्य सामग्री भीग गई ।

जलभराव की वजह से बिजली आपूर्ति काट दी गई है। नाव के माध्यम से किराए पर बैटरी लाते हैं और उससे मोबाइल चार्ज करते हैं। गांव के रोहित कुमार ने बताया कि जानवरों को ऊंची जगह पर बांधकर उनके लिए भूसे की व्यवस्था की गई है। हरा चारा बाढ़ में डूब गया है। कई जानवरों को कीचड़ में बांध कर रखा है।

उन्होंने बताया कि पिछले साल गांव में प्रशासन ने पानी की धार को मोड़ने के लिए परक्यूपाइन लगाए थे। उसका कोई फायदा नहीं हुआ है। अब तो गांव तक कटान आ गया है। गांव को बचाने के लिए पेड़ की डाल डाली गई है। बताया कि गांव के कुछ लोग बांध पर आकर दिन गुजार रहे हैं

पानी से घिर गया पूरा जटा गांव
उसहैत के पास का गांव जटा पूरी तरह से गंगा के पानी से घिर गया है। हालांकि ग्रामीण गांव छोड़ने को तैयार नहीं हैं। शुक्रवार दोपहर एक-दो परिवार ट्रैक्टर से जाते हुए दिखाई दिए। इसी तरह बेहटी गांव में भी पानी बढ़ रहा है।

इन गांवों में भरा गंगा का पानी
बेहटी, तोफिया नगला, ठकुरी नगला, जटा, कोतल नगला, कमले नगला, भमरौलिया, वीर सहाय नगला, खागी नगला, रैपुरा, कदम नगला, कमलईयापुर, दलपत नगला, जसवंत नगला, प्रेमी नगला, सिठौलिया खाम, नगरिया खनू, कटकोरा, देवरनियां, नवादा बदन।

कछला की दुकानों में भरा पानी
कछला घाट पर गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। इसका पानी घाट के आसपास लगने वाली अस्थाई दुकानों तक पहुंच गया है। इस वजह से दुकानदारों ने सामान सुरक्षित जगह पर रखवा दिया।

घरों तक पानी नहीं पहुंचा है। कुछ गांवों से संपर्क टूटा है। इससे प्रभावित लोगों को खाद्य सामग्री बांटी जा रही है। पानी बढ़ने पर ग्रामीणों को शरणार्थी शिविरों में रखा जाएगा। कई गांवों में नाव पहुंचा दी गई है। – धर्मेंद्र सिंह, एसडीएम,दातागंज (साभार एजेंसी)

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