उ.प्र.में टल सकते हैं पंचायत चुनाव ?

UP / Uttarakhand

(लखनऊ,UP)02अक्टूबर,2025 .

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव निर्धारित समय पर न हो पाने के आसार बन रहे है। इसकी वजह अभी तक पिछड़े वर्ग के आरक्षण संबंधी संस्तुति के लिए समर्पित आयोग का गठन न हो पाना माना जा रहा है। अगर भविष्य में बनने वाले इस आयोग ने अपनी सिफारिशें देने में 6 माह का समय मांगा तो चुनाव में देरी तय मानी जा रही है।

ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के निर्वाचन का कार्यकाल अगले साल क्रमशः 26 मई, 19 जुलाई और 11 जुलाई को समाप्त हो रहा है। इसलिए अगले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अप्रैल-मई में होने हैं। लेकिन, उससे पहले नगर निकाय चुनाव की तरह ओबीसी आरक्षण के लिए इस चुनाव में भी फार्मूले को फाइनल करना होगा। इसके लिए समर्पित अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन करना होगा।

यह आयोग राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग की आर्थिक-शैक्षणिक स्थिति के साथ-साथ राजनीतिक स्थिति पर अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करता है। यह बताता है कि क्या वास्तव में उनको आरक्षण की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने एक फैसले में कहा है कि इस अध्ययन के बिना ओबीसी के लिए आरक्षण की व्यवस्था को लागू नहीं किया जा सकता है। जानकार बताते हैं कि 2011 की जनगणना के बाद 2014 में पिछड़े वर्ग की आबादी का रैपिड सर्वे हुआ था। आम तौर पर इस सर्वे के आंकड़ों पर समर्पित आयोग गौर करता है।

जिलों में जाकर तैयार होती है रिपोर्ट:
अब पंचायत चुनाव में छह माह का समय बचा है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि आयोग को जिलों में जाकर अपनी रिपोर्ट तैयार करनी होती है। अगर आयोग ने इस काम के लिए आम तौर पर लगने वाले छह माह का समय लिया तो चुनाव में देरी की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। हालांकि, पंचायतीराज विभाग के एक अधिकारी ने नाम न प्रकाशित करने के आग्रह के साथ बताया कि समर्पित आयोग का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। अंतिम निर्णय वहीं से होना है। अब आयोग कितने समय में अपनी रिपोर्ट दे पाता है, ओबीसी आरक्षण की प्रक्रिया और चुनाव की तिथियां उसी पर निर्भर करेंगी।(साभार एजेंसी)

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