“ब्रह्मोस” के बाद इस देश को पसंद आया भारत का दूसरा मिसाइल सिस्टम “आकाश”

National

(नई दिल्ली)28जुलाई,2024.

  • प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार फिलीपींस द्वारा ब्रह्मोस खरीदने के बाद अब ब्राजील भारत के आकाश मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम पर गौर फरमा रहा है. उसके सैन्य अधिकारियों ने भारत आकर “आकाश” मिसाइल सिस्टम की ताकत से रूबरू हुए. हालांकि इस रेस में चीन का एयर डिफेंस सिस्टम भी है, लेकिन फिलहाल रेस में आकाश ही आगे चल रहा है.

◆ भारत की ब्रह्मोस मिसाइल को फिलीपींस ने खरीदा.

◆ अब ब्राजील भारत के आकाश एयर डिफेंस सिस्टम में अपना इंट्रेस्ट दिखा रहा है.

◆ ब्राजीली सैन्य अधिकारियों ने आकाश मिसाइल सिस्टम की ताकत को देखा. इसके फायर पावर को देखा.

◆ इस रेस में चीन के हथियार भी हैं लेकिन उम्मीद है कि आकाश ये डील जीत लेगा.

भारत दौरे के बाद ब्राजीली सैन्य अधिकारी 10 दिन की यात्रा पर चीन के स्काई ड्रैगन 50 या तियानलॉन्ग-50 मीडियम एल्टीट्यूड सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम की ताकत देखने जाएंगे. इसके अलावा वो चीन में SH15 सेल्फ प्रोपेल्ड हॉवित्जर को भी देखेंगे. इसे चीन की नॉरिंको कंपनी ने बनाया है.

■ ब्राजील मीडियम एल्टीट्यूड/हाई एल्टीट्यूड एयर डिफेंस आर्टिलरी सिस्टम खरीदना चाहता है.

■ ब्राजील के सैन्य अधिकारियों को आकाश मिसाइल सिस्टम की ताकत पसंद आई. उन्हें लगता है कि इससे उनके देश को आसमानी सुरक्षा मिलेगी. अब देखना ये है भारत के आकाश की डील होती है या चीन के हथियार की…

■ कुछ समय पहले ही भारतीय सेना ने आकाश मिसाइल सिस्टम के जरिए आसमान में तेजी से उड़ रहे टारगेट पर सटीक निशाना लगया था. ये परीक्षण सेना के पश्चिमी कमांड ने 31 मार्च 2024 को किया था. पिछली साल ही आकाश मिसाइल ने आसमान में अपनी तरफ आते चार टारगेट को को ध्वस्त कर दिया था.

■ इसके साथ ही भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया था, जो एक ही मिसाइल यूनिट से चार हवाई टारगेट बर्बाद कर सकता है.

■ आकाश मिसाइल सिस्टम की सिंगल यूनिट में चार मिसाइलें होती हैं. जो अलग-अलग टारगेट को खत्म कर सकती हैं. भारतीय सेना और DRDO लगातार इसके एडवांस वर्जन की टेस्टिंग कर रहे हैं.

■ फिलहाल ये क्षमता 25 km रेंज वाली आकाश मिसाइल में है. बाद में इसकी रेंज को बढ़ाया जाएगा. इसमें स्वदेशी एक्टिव RF सीकर लगा है. RF सीकर दुश्मन टारगेट को पहचानने की सटीकता को बढ़ाता है.

■ आकाश मिसाइल के ग्राउंड सिस्टम को अपग्रेड किया गया है. इसके अलावा राडार, EOTS और टेलीमेट्री स्टेशन, मिसाइल ट्रैजेक्टरी और फ्लाइट पैरामीटर्स को सुधारा गया है. इससे ज्यादा जानकारी अभी तक सेना, सरकार या डीआरडीओ की तरफ से दी नहीं गई है.

■ देश में इसके 3 वैरिएंट मौजूद हैं- पहला आकाश एमके- इसकी रेंज 30KM है. दूसरा आकाश एमके-2 – रेंज 40KM है. तीसरा आकाश-एनजी – रेंज 80KM है. आकाश-एनजी 20 km की ऊंचाई तक जाकर दुश्मन के विमान या मिसाइल को नष्ट कर सकती है.

■ इसकी गति 2.5 मैक यानी 3087 km/hr है. आकाश-एनजी यानी आकाश न्यू जेनरेशन मिसाइल जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. इसकी रेंज 40 से 80 km है. साथ ही इसमें एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे मल्टी फंक्शन राडार लगा है जो एकसाथ कई दुश्मन मिसाइलों या विमानों को स्कैन कर सकता है.

■ आकाश-एनजी मिसाइल को मोबाइल प्लेटफॉर्म से लॉन्च कर सकते हैं. आकाश-एनजी का कुल वजन 720 kg है. इसकी लंबाई 19 फीट और व्यास 1.16 फीट है. ये अपने साथ 60 kg वजन का हथियार ले जा सकता है.

आकाश-एनजी मिसाइल के पुराने संस्करण को पिछले साल चीन के साथ हुए सीमा विवाद के दौरान लद्दाख स्थित लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भी तैनात किया गया था. इसके अलावा भारतीय वायुसेना ने आकाश मिसाइलों को ग्वालियर, जलपाईगुड़ी, तेजपुर, जोरहाट और पुणे बेस पर भी तैनात कर रखा है.

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