(लखनऊ) 01सितंबर,2024.
राज्य सरकार की औद्योगिक नीतियों से प्रभावित बड़े कारोबारी समूहों ने कॉरपोरेट सोशल रिस्पान्सबिलिटी (सीएसआर) फंड के लिए यूपी पर फोकस किया है। 10 कंपनियां 250 करोड़ रुपये सामाजिक सरोकारों पर खर्च करेंगी। ये रकम शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, वैकल्पिक ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के विकास पर खर्च होगी।
फरवरी में हुए भूमि पूजन समारोह के दौरान सीएसआर कॉन्क्लेव में इन कंपनियों ने सीएसआर के तहत 256.11 करोड़ रुपये खर्च करने की सहमति जताई थी। वेदांता ग्रुप इंफ्रास्ट्रक्चर (नंद घर) के साथ प्री स्कूल किड्स और न्यूट्रिशियन के क्षेत्र में 85.45 करोड़ रुपये खर्च करेगा। एचसीएल स्मार्ट क्लास, न्यूट्रिशियन, इंफ्रास्ट्रक्चर और प्री स्कूल किड्स के लिए प्रदेश में 71.09 करोड़ खर्च करेगा। आईटीसी भी एचआर, स्मार्ट क्लास और कंप्यूटर व साइंस लैब पर 10 करोड़ खर्च करेगा।
रिलायंस और शिव नादर भी यूपी के मुरीद:
रिलायंस समूह और एचसीएल के संस्थापक शिव नादर भी यूपी के कायाकल्प के मुरीद हो गए हैं। रिलायंस ने इंफ्रास्ट्रक्चर में 24.65 करोड़ खर्च करने का प्रस्ताव दिया है। शिव नादर अपने ट्रस्ट (शिव नादर फाउंडेशन) के जरिये 13.53 करोड़ से स्कूलों में फर्नीचर आदि की व्यवस्था करेंगे। एसएमसी कॉरपोरेशन शिक्षा के इंफ्रास्ट्रक्चर पर 11 करोड़ खर्च करेगा। नॉर्दर्न कोलफील्ड्स 29.13 करोड़ से ओल्ड एज होम्स खोलेगी। एनटीपीसी 8.78 करोड़ व 1.65 करोड़ रुपये से रिन्यूएबल एनर्जी और स्कूल फर्नीचर पर खर्च करेगा। कापरी ग्लोबल स्पोर्ट्स एजुकेशन और स्पोर्ट्स सेक्टर में 83.62 लाख खर्च करेगा।
स्मार्ट क्लास और फिजिक्स लैब बन रहे
प्रदेश में लगभग सभी ऑक्सीजन प्लांट सीएसआर फंड से स्थापित हैं। ज्यादातर चीनी मिलें सीएसआर फंड से सड़कें बना रही हैं। भारत केयर्स टाइगर रिजर्व के नजदीकी गांवों में स्ट्रीट लाइट्स लगा रहा है। सीएसआर फंड से बुलंदशहर, गाजियाबाद और मेरठ के तीन सर्वोदय विद्यालयों में स्मार्ट क्लास और फिजिक्स लैब बन रहे हैं। एयर इंडिया के एआई सैट्स ने 45 लाख रुपये से महाराजगंज के दो प्राइमरी स्कूलों का मेकओवर किया है। बेसिक शिक्षा के तहत 75 संस्थाओं ने सीएसआर फंड के तहत 187.35 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं। महाकुंभ को भव्य बनाने के लिए भी सीएसआर के उपयोग की तैयारी है।
इन कंपनियों ने किया सर्वाधिक योगदान
एचसीएल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक और एनटीपीसी लिमिटेड ने शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, ग्रामीण विकास, पर्यावरणीय स्थिरता और महिला सशक्तीकरण में सीएसआर खर्च किया। ये काम गौतमबुद्ध नगर, मथुरा, वाराणसी, हरदोई, और लखनऊ में कराए गए हैं।
सीएसआर फंड से होने वाले बड़े काम:
- बेसिक शिक्षा विभाग के साथ कोलगेट ब्राइट स्माइल्स, ब्राइट फ्यूचर्स प्रोग्राम से 50 लाख छात्रों को लाभ।
- सिग्निफाई (पूर्व में फिलिप्स लाइटिंग) 100 से अधिक वन गांवों को रोशन करेगा।
- स्पार्क मिंडा फाउंडेशन का ‘प्रोजेक्ट शक्ति’ 71 जेलों में महिला कैदियों का जीवन बदलेगा।
- ईएक्सएल और डियाजियो ने नोएडा और हरदोई में दो झीलों को पुनर्जीवित किया।
- वाराणसी में पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस का एकीकृत गांव विकास कार्यक्रम।
- शार्प के साथ नोएडा के 10 सरकारी स्कूलों में साइंस, टेक्नोलॉजी और मैथमेटिक्स अभियान।
- सात महिला पॉलिटेक्निक को अपग्रेड किया जाएगा।
ये है सीएसआर फंड:
कॉरपोरेट सोशल रिस्पान्सबिलिटी (सीएसआर) फंड एक वित्तपोषण और अनुदान प्रक्रिया है। इसके तहत गैर-लाभकारी संगठन (एनजीओ) कॉरपोरेट क्षेत्र से वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं। कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत कंपनियों के औसत शुद्ध लाभ का 2 प्रतिशत अंशदान देना अनिवार्य है(साभार एजेंसी)