(लखनऊ)24अक्टूबर,2024.
घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के यहां जांच के दौरान अगर बिजली का कॉमर्शियल उपयोग मिलता है तो अब एफआईआर नहीं दर्ज होगी। उनसे जुर्माना वसूला जाएगा। ये नियम एक से पांच किलोवाट वाले उपभोक्ताओं पर लागू होगा। मध्यांचल निगम के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगारौत ने इस संबंध में बुधवार को आदेश जारी कर दिया है। निगम के दायरे में आने वाले सभी 19 जिलों में व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि विद्युत नियामक आयोग की ओर से जारी विद्युत (कठिनाई का निवारण) प्रथम आदेश 2009 के अनुसार घरेलू उपभोक्ताओं को ये राहत दी गई है। यदि जांच के दौरान पांच किलोवाट अथवा उससे कम स्वीकृत भार वाले घरेलू उपभोक्ताओं के परिसर का आंशिक उपयोग वाणिज्यिक गतिविधियों में पाया जाता है तो जुर्माने के साथ नोटिस जारी होगी। सीधे एफआईआर दर्ज नहीं होगी। अब तक ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज कराई जाती थी। नई व्यवस्था से राजधानी के 13 लाख उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
अवध के इन जिलों में नियम प्रभावी
लखनऊ, सीतापुर, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, बाराबंकी, रायबरेली, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, अमेठी सहित अवध के इन जिलों के अलावा निगम के दायरे में आने वाले सभी 19 जिलों में यह व्यवस्था प्रभावी हो गई है। वहीं, जांच में यदि मीटर बाइपास, टेंपर अथवा मीटरिंग संबंधी अन्य कोई गड़बड़ी मिलती है तो एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
इस तरह लगेगा जुर्माना:
एक किलोवाट के घरेलू कनेक्शन पर वाणिज्यिक इस्तेमाल पर पांच हजार रुपये जुर्माना लगेगा। एक किलोवाट के कॉर्मिशयल कनेक्शन पर 10 हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा। वहीं, पांच किलोवाट पर 50 हजार का जुर्माना लगेगा(साभार एजेंसी)