(अयोध्या)27अक्टूबर,2024.
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में इस दीपावली पर दोहरी खुशी का माहौल है। श्रीरामलला के भव्य मंदिर में विराजने के बाद यह पहली दीपावली है। इसको लेकर रामनगरी गदगद है। अयोध्यावासी भाव विह्वल भी हैं। हों भी क्यों न, 500 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद रामलला भव्य महल में विराजे हैं।
इसकी खुशी में पूरी अयोध्या राममय हो उठी है। दीपोत्सव को लेकर सर्वसमाज में उत्साह है। मुस्लिम, जैन, सिख समाज दीपोत्सव में भागीदारी निभाने की तैयारी कर रहा है तो रामनगरी के 37 जातीय मंदिर भी इस बार दीपोत्सव में रोशन होंगे।
लंका विजय के बाद श्रीराम के अयोध्या लौटने की खुशी में दीपावली का आयोजन होता है। राम का यह वनवास तो मात्र 14 वर्ष का था लेकिन रामलला को भव्य महल में विराजने के लिए पांच सदी का वनवास झेलना पड़ा। इसलिए अब, जब वह स्वप्न साकार हो चुका है जो कभी अकल्पनीय हो गया था, तो पूरी अयोध्या गदगद है।
अयोध्यावासी भी इस दीपोत्सव को यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। दीपोत्सव जाति, धर्म की दीवारें भी तोड़ता नजर आएगा। दीपोत्सव के दिन पूरी अयोध्या अनुष्ठान मय होगी तो मठ-मंदिर, चौक-चौराहे, घाटों से लेकर घर-घर दीप जलेंगे।
ये खुशी के दीप होंगे, रामनगरी की तरक्की के दीयों से अयोध्या रोशन होगी। साधु-संतों समेत हिंदू समाज तो उत्साहित है ही, मुस्लिम, सिख, जैन समाज भी दीपोत्सव में दीप जलाने की तैयारी में जुटे हैं।(साभार एजेंसी)