सात साल में STP की शोधन क्षमता 320 MLD बढ़ी,गंगा-वरुणा की सफाई के लिए प्रयास जारी

UP / Uttarakhand

(वाराणसी UP) 24नवम्बर,2024.

वाराणसी स्थित एसटीपी की शोधन क्षमता सात वर्षों में बढ़ी है। केंद्र सरकार ने इसकी शुरुआत की थी। काशी में गंगा और उसकी सहायक नदियों वरुणा, असि और गोमती को प्रदूषण मुक्त करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

एसटीपी की शोधन क्षमता 320 एमएलडी बढ़ी है। पहले जहां 100 एमएलडी सीवर शोधित होता था अब 420 एमएलडी सीवर का शोधन हो रहा है। जल निगम के गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई ग्रामीण के परियोजना प्रबंधक आशीष सिंह ने बताया कि वर्ष 2017 तक वाराणसी में एसटीपी की शोधन क्षमता मात्र 100 एमएलडी थी। अब 420 एमएलडी है।

क्षमता वृद्धि से गंगा नदी की जल की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है। काशी में गंगा और उसकी सहायक नदियों वरुणा, असि और गोमती को प्रदूषण मुक्त करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2014 में शुरू किए गए नमामि गंगे कार्यक्रम में वाराणसी में 200 एमएलडी क्षमता के एसटीपी स्थापित किए गए।

इसके अतिरिक्त जेएनएनयूआरएम के तहत 120 एमएलडी क्षमता का एसटीपी गोइठहां में संचालित है। वर्ष 2022 के पूर्व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वाराणसी में गंगा नदी को प्राथमिकता खंड फोर में रखा गया था। जिसे अब हटाकर प्राथमिकता खंड फाइव में कर दिया गया है।

दो एसटीपी निर्माणाधीन:

55 एमएलडी क्षमता का एसटीपी भगवानपुर में और 7 एमएमडी क्षमता का सूजाबाद में निर्माणाधीन है। लोहता में बहने वाला दुर्गा नाला के लिए 55 एमएलडी क्षमता का एसटीपी एवं दीनापुर में स्थापित 80 एमएलडी क्षमता के एसटीपी की क्षमता वृद्धि 220 एमएलडी पर करने की परियोजना भी है।(साभार एजेंसी)

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