नवंबर की आखिरी एकादशी पर बन रहे दो खास संयोग

UP / Uttarakhand

(लखनऊ UP)24नवम्बर,2024.

उत्पन्ना एकादशी पर भगवान श्रीहरि विष्णु और भगवान पद्मनाभ की पूजा से आरोग्य सुख की प्राप्ति होती है। मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत 26 नवंबर को रखा जाएगा। इस बार एकादशी पर हस्त नक्षत्र व प्रीति योग का संयोग रहेगा। उत्पन्ना एकादशी के व्रत से अतीत और वर्तमान के पापों का नाश होता है।

इस वजह से विशेष फलदायी हुई है उत्पन्ना एकादशी:
प्रख्यात ज्योतिषविद के अनुसार मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष की एकादशी 25 नवंबर को अर्धरात्रि के बाद 1:20 बजे लगेगी और 26 नवंबर को अर्धरात्रि के बाद 3:48 बजे तक रहेगी। हस्त नक्षत्र 25 नवंबर को अर्धरात्रि के पश्चात 1:24 बजे से 26 नवंबर को अर्धरात्रि के पश्चात 4:35 बजे तक रहेगा। 26 नवंबर को पूरे दिन एकादशी तिथि व प्रीति योग होने की वजह से उत्पन्ना एकादशी विशेष फलदायी हो गई है।

व्रत के लिए ये है नियम:
एकादशी तिथि पर पूरे दिन निराहार रहकर व्रत रखा जाता है। मन वचन कर्म से पूर्णरूपेण शुचिता बरतते हुए यह व्रत करना विशेष फलदायी होता है। व्रत का पारण दूसरे दिन द्वादशी तिथि को स्नान के बाद करने का विधान है(साभार एजेंसी)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *