(प्रयागराज UP)14दिसम्बर,2024.
पीएम मोदी ने कहा कि प्रयागराज ऋषि भारद्वाज की तपोभूमि है। यहां अक्षयवट की अमरता है। प्रयागराज केवल एक भौगोलिक भूखंड नहीं बल्कि यह एक आध्यात्मिक अनुभव क्षेत्र है। कहा कि श्री बड़े हनुमान जी, अक्षय वट का आशीर्वाद आज प्राप्त हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महाकुंभ एकता का महायज्ञ है। यहां पर देश के कोने-कोने से लोग आते हैं। यहां आकर श्रद्धालु भेदभाव की आहूति देते हैं। प्रयागराज वह धरती है जहां पर अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों पदार्थ सुलभ हैं। मां गंगा के आशीर्वाद से मुझे यहां बार-बार आने का सौभाग्य मिलता है। 2019 के कुंभ में भी आने का सौभाग्य मिला था और अगले साल होने वाले महाकुंभ के लिए भी आने का सौभाग्य आज प्राप्त हुआ है। मोदी गंगा पूजन कर महाकुंभ का शुभारंभ करने के बाद संगम नोज पर आयोजित विशाल पंडाल को संबोधित कर रहे थे।
पीएम मोदी ने कहा कि प्रयागराज ऋषि भारद्वाज की तपोभूमि है। यहां अक्षयवट की अमरता है। प्रयागराज केवल एक भौगोलिक भूखंड नहीं बल्कि यह एक आध्यात्मिक अनुभव क्षेत्र है। कहा कि श्री बड़े हनुमान जी, अक्षय वट का आशीर्वाद आज प्राप्त हुआ है। यहां पर कॉरिडोर का निर्माण चल रहा है। महाकुंभ हजारों वर्षों से चली आ रही हमारे देश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक पुण्य का प्रतीक है। ऐसा आयोजन जहां धर्म, विज्ञान, भक्ति और कला का समागम होता है.
मनुष्य की अंतर्मन की चेतना का नाम महाकुंभ है:
पीएम ने कहा कि संगम में स्नान से करोड़ों तीर्थों के बराबर पुण्य मिलता है। जो व्यक्ति प्रयाग में स्नान करता है वह हर पाप से मुक्त हो जाता है. राजा महाराजाओं का काल रहा हो या गुलामी का दौर रहा हो यह यात्रा कभी नहीं रुकी। कुंभ का कारण कोई वाह्य शक्ति नहीं है। किसी बाहरी व्यवस्था के बजाए मनुष्य के अंतर्मन की चेतना का नाम महाकुंभ है। यही चेतना भारत के कोने-कोने से संगम के तट तक खींच लाती है। गांवों, कस्बों, शहरों से लोग प्रयागराज की ओर निकल पड़ते हैं। सामूहिकता का ऐसा कोई समागम और कहीं नहीं दिखता। संत, महंत, ऋषि और सामान्य लोग सभी एक हो जाते हैं और त्रिवेणी में डुबकी लगाते हैं। यहां जातियों का भेद खत्म हो जाता है। संप्रदायों का टकराव मिट जाता है। करोड़ों लोग एक ध्येय और विचार से जुड़ जाते हैं।
एक भारत श्रेष्ठ भारत की अद्भुत तस्वीर:
पीएम मोदी ने कहा कि महाकुंभ एक भारत श्रेष्ठ भारत की अद्भुत तस्वीर पेश करता है। महाकुंभ की परंपरा का सबसे अहम पहलू है कि इस दौरान देश को नई दिशा मिलती है। संतों के वाद, संवाद, शास्त्रार्थ से देश के सामने मौजूद चुनौतियों पर व्यापक चर्चा होती है। राष्ट्र के विचारों को नई ऊर्जा मिलती है। संतों ने देश से जुड़े कई अहम निर्णय कुंभ के दौरान ही लिए थे। संचार के माध्यम न होने पर कुंभ जैसे आयोजनों ने बड़े सामाजिक परिवर्तन का आधार तैयार किया। देश की समस्याओं का समाधान खोजने के साथ ही भविष्य की योजनाओं पर चिंतन किया जाता है। जिसका समाज में सकारात्मक संदेश जाता है। राष्ट्र चिंतन की धारा प्रवाहित है।
पूर्व की सरकारों ने नहीं समझा कुंभ का महत्व:
पीएम मोदी ने कहा कि पूर्व की सरकारों में महाकुंभ और कुंभ के महत्व को नहीं समझा। जिसके चलते यहां आने वाले श्रद्धालुओं को कष्ट उठाने पड़ते थे. सरकारों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। इसका कारण यह रहा कि उनन सरकारों का भारतीय संस्कृति और आस्था से कोई लगाव नहीं था। आज केंद्र और राज्य में भारत के प्रति आस्था, भारतीय संस्कृति को महत्व देने वाली सरकार है। कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुविधा जुटा डबल इंजन की सरकार अपना दायित्व समझती है। केंद्र और राज्य सरकार ने हजारों करोड़ रुपये की योजनाएं शुरू की हैं। यहां आने के लिए देश के हर कोने से कनेक्टिविटी की सुविधा है.
विकास के साथ विरासत को समृद्ध बनाने पर जोर:
पीएम मोदी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार विकास के साथ ही विरासत पर भी पूरा ध्यान केंद्रित कर रही है। राम वन गमन पथ, टूरिस्ट सर्किट, रामायण सर्किट, श्रीकृष्ण सर्किट, बुद्ध कॉरिडोर के साथ स्वदेश दर्शन आदि परियोजनाएं चल रही हैं। अयोध्या में राम मंदिर को कैसे भव्य बना दिया गया है देश इसका साक्षी है। इसके साथ की श्री काशी विश्वनाथ धाम, महाकाल महालोक की चर्चा पूरे देश में है।
प्रयागराज है निषादराज की भूमि:
पीएम मोदी ने कहा कि प्रयागराज निषादराज की भूमि है। भगवान राम के मर्यादा पुरुषोत्तम बनने में प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर धाम का महत्व काफी अधिक है। यहां पर केवट ने राम के पैर धोए और राम को अपनी नाव से नदी पार कराया। यहां भगवान के प्रति भक्त का यहां पर श्रद्धा का अनन्य भाव है। भगवान राम ने इसी धरती से मित्रता का संदेश दिया। राम ने यह बताया कि भगवान भी भक्त की मदद ले सकता है। इसी मित्रता को देश और दुनिया को दिखाने के लिए श्रृंगवेरपुर कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। भगवान राम और केवट के मिलन वाली प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों को समता और समरसता का संदेश देंगी।
सफाई कर्मियों के कार्यों की सराहना की:
पीएम मोदी ने महाकुंभ में लगने वाले सफाई कर्मियों की सराहना की। साथ ही पिछले कुंभ में किए गए उनके कार्यों की सराहना की। कहा कि कुंभ के दौरान सफाई कर्मियों का पांव पखारना मेरे जीवन का सबसे यादगार क्षण है।
इस बार दिव्य और भव्य के साथ डिजिटल कुंभ होगा:
पीएम ने कहा कि 2025 का महाकुंभ डिजिटल कुंभ के लिए भी एक नया अध्याय लिखने जा रहा है। कहा कि भारत टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में तेजी से आगे जा रहा है। इसका उदाहरण महाकुंभ में देखने को मिलेगा। आज सबके पास स्मार्ट फोन है। 2013 के कुंभ में सबसे पास स्मार्ट फोन भी नहीं था और डेटा भी काफी महंगा था। आज स्थित अलग है। महाकुंभ में एआई चैट पोट के साथ 11 भाषाओं में बात हो सकेगा।
महाकुंभ में बढ़ेगा रोजगार:
पीएम मोदी ने कहा कि महाकुंभ रोजगार का साधन भी लेकर आ रहा है। देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं के आने के कारण रेल और हवाई जहाज में यात्री तो बढ़ेेगे ही यहां आने पर उनके खाने पीने के सामानों को लाने के लिए स्थानीय स्तर पर व्यापारियों की भी आमदनी होगी। छोटे बड़े दुकानदारों को भी फायदा होगा(साभार एजेंसी)