(देहरादून ) 01मई,2024.
देश भर की मीडिया में सुर्खियां बनने वाली उत्तराखंड के जंगलों की आग की घटनाओं से धामी सरकार हलकान है। फारेस्ट डिपार्टमेंट हांफ रहा है और नैनीताल से देहरादून तक इस आग की लपट ने परेशान कर रखा है। इस बीच एक शानदार खबर सामने आयी है। आपने अब तक होटल में वेटर से लेकर तमाम सार्वजनिक जगहों पर रोबोट को इंसानों की तरह काम करते देखा है। लेकिन यह आधुनिक तकनीकि अभी तक केवल विदेशों में नजर आती है। लेकिन अब रोबोट भीषण आग को बुझाने में उपयोगी होंगे। इसकी कवायद सरकार ने शुरू कर दी है।
उत्तराखंड सरकार से अच्छा ये कौन जान सकता है कि आग लगने की घटना जितनी भयावह होती है उसे बुझाना उतना ही जोखिम भरा काम भी है। वो भी तब जब आग ऐसी जगह लगी हो जहां पहुंचना आसान न हो। कई बार ऐसी जगह लगी आग को बुझाने में दमकलकर्मी घायल हो जाते हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार ने ऐसी जोखिम भरी आग की घटनाओं के लिए रोबोट को इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। लखनऊ के हजरतगंज फायर स्टेशन में इन रोबोट का डेमो कराया गया जो काफी हद तक कारगर दिखा। मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि फिलहाल चौथे चरण की टेस्टिंग की गई है। इन रोबोट को खरीदने का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा जा रहा है।
दम घोटू धुंए में घुसकर आग बुझाना होता है नामुमकिन:
CFO ने बताया कि बेसमेंट और बहुत घनी बाजार जैसी जगहों पर लगी आग को बुझाना बेहद चुनौती भरा काम होता है। ऐसी जगह पर वेंटिलेशन न होने की वजह से जवानों को ब्रीथिंग ऑपरेटश सिस्टम (सांस लेने के लिए ऑक्सीजन) लेकर अंदर जाना पड़ता है। इससे किसी तरह अंदर पहुंच भी गए तो चारो तरह की हीट जानलेवा साबित होती है। ऐसे हालात में रोबोट को आसानी से अंदर भेजकर जल्द आग पर काबू पाया जा सकता है।
थर्मल इमेजिंग और नाइट वीजन कैमरे से लैस है रोबोट:
अफसरों ने बताया कि गुजरात की कंपनी स्वदेशी फायर ने इस रोबोट को बनाया है। इससे पहले फायर फाइटिंग में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर आधुनिक उपकरण विदेशी कंपनियों से खरीदे जाते थे। इस रोबोट मे थर्मल इमेजिंग और नाइट वीजन कैमरे लगे हैं। इससे यह आसानी से आग वाली जगह की पहचान करके अंधेरे में भी उसे बुझाने में कारगर होंगे। सेंसर को आग का पता लगते ही पानी और फोम की बौछार शुरू हो जाएगी और कम समय में आग पर काबू पाया जा सकेगा।