काशी में गंगा किनारे के मकानों की मरम्मत के लिए अनुमति जरूरी नहीं

UP / Uttarakhand

(वाराणसी,UP) 02जुलाई,2025.

गंगा से 200 मीटर दायरे के जर्जर भवनों की मरम्मत आसान होगी। शासन की ओर से जारी नए आदेश का असर संपूर्ण एचएफएल क्षेत्र के भवनों पर होगा। इन क्षेत्र के भवनों की दीवारों पर सीमेंट प्लास्टर कराना या आंशिक मरम्मत कराने के लिए किसी भी विभाग की अनुमति की जरूरत नहीं है।

इसी तरह फर्श का निर्माण, रंगाई-पुताई, सेप्टिक टैंक व पिट का निर्माण और हैंडपंप लगवाने के लिए किसी भी अनुमति की जरूरत नहीं है। नालियों या अन्य उपकरण के नवीनीकरण और मरम्मत कार्य के लिए अनुमति की जरूरत नहीं है। इसे कभी भी करा सकते हैं। सौर ऊर्जा के लिए छत पर आवश्यक संरचनाओं का निर्माण कराया जा सकता है।

भवन व दीवारों का पुनर्निर्माण और छत, बालकनी और बरामदे में छज्जे का निर्माण। इसके अलावा मकान के अंदर आंतरिक परिवर्तन नहीं करा सकते हैं। भवन के बाहरी स्वरूप में बदलाव की अनुमति नहीं होगी। भवन के उपयोग में कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। यदि कोई इन नियमों का उल्लंघन करेगा तो कार्रवाई की जाएगी।

इतिहास, धर्म और संस्कृति में है काशी की आत्मा:
वीडीए उपाध्यक्ष ने कहा कि काशी की आत्मा उसके इतिहास, धर्म और संस्कृति में है। सुंदरीकरण में यह ध्यान रखा जाए कि कोई भी कार्य इसकी मूल पहचान को क्षति न पहुंचाए। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी कार्य स्थानीय नागरिकों और दुकानदारों से संवाद कर पारदर्शिता से पूरे किए जाएं। इस परियोजना के पूर्ण होने पर न केवल यातायात व्यवस्था सुलभ होगी, बल्कि काशी आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को एक सुव्यवस्थित, सुंदर और आध्यात्मिक परिवेश का अनुभव प्राप्त होगा। यह पहल काशी की सांस्कृतिक राजधानी की छवि को और सुदृढ़ करेगी।

कालभैरव मार्ग और मैदागिन चौराहे पर गूंजेगी ऊं की ध्वनि:
कालभैरव मार्ग और मैदागिन चौराहे पर ऊं की ध्वनि गूंजेगी। इसके लिए वीडीए की ओर से सुंदरीकरण की योजना बनाई गई है। वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने सोमवार को इस इलाके का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि सुंदरीकरण परियोजना का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा काल भैरव मंदिर मार्ग है। इस गली में भित्ति चित्रों और धार्मिक पेंटिंग्स से दीवारों को सजाया जा रहा है। साथ ही मंदिर गेट और गली के भीतर ध्वनि प्रणाली लगाएं जाना प्रस्तावित है। जिनसे निरंतर ऊं की सुनाई देगी। इससे आने-जाने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को एक विशिष्ट आध्यात्मिक वातावरण का अनुभव मिलेगा।

उन्होंने इस क्षेत्र में बेहतर यातायात प्रबंधन, हरियाली और सांस्कृतिक सुंदरीकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शहर के प्रमुख चौराहों और धार्मिक स्थलों को व्यवस्थित व सौंदर्यपूर्ण स्वरूप देने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों, अभियंताओं को निर्धारित समयसीमा में गुणवत्ता युक्त कार्य पूर्ण करने, सुंदरीकरण में काशी की सांस्कृतिक पहचान उभारने और पर्यटकों की सुविधा का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। मैदागिन चौराहा, जो शहर के व्यस्ततम ट्रैफिक स्थलों में से एक है, वहां यातायात प्रणाली के सरलीकरण के साथ सुंदरीकरण का काम शुरू हो गया है। चौराहे को आधुनिक डिजाइन के अनुरूप विकसित किया जा रहा है।(साभार एजेंसी)

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