( नई दिल्ली)02जुलाई,2025.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय खेल नीति (एनएसपी) 2025 को मंजूरी दे दी है। यह देश के खेल परिदृश्य को नया आकार देने और खेलों के माध्यम से नागरिकों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक पहल है। नई खेल नीति मौजूदा राष्ट्रीय खेल नीति 2001 का स्थान लेगी। ये भारत को एक वैश्विक खेल महाशक्ति के रूप में स्थापित करने तथा 2036 ओलंपिक खेलों सहित अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में उत्कृष्टता के लिए एक मजबूत दावेदार के रूप में स्थापित करने के लिए एक दूरदर्शी और रणनीतिक रोडमैप प्रस्तुत करेगी।
‘खेल को जन आंदोलन बनाना उद्देश्य’:
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक व्यापक खेलो के लिए भारत नीति, 2025 को मंजूरी दे दी है जिसका लक्ष्य 2047 तक भारत को शीर्ष पांच खेल राष्ट्रों में से एक बनाना है।
मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए निर्णयों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेलों पर काफी ध्यान दिया है। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों की प्रतिभा को आगे लाने के लिए ज्यादा ध्यान दिया गया है।
उन्होंने कहा कि नई नीति इसी प्रयास का हिस्सा है। मंत्री ने साथ ही कहा कि इसका दूसरा मुख्य उद्देश्य खेल को जन आंदोलन बनाना है। एनएसपी 2025 को केंद्रीय मंत्रालयों, नीति आयोग, राज्य सरकारों, राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ), खिलाड़ियों, खेल विशेषज्ञों और सार्वजनिक हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के बाद तैयार किया गया है। इसके तहत खेल को पर्यटन और आर्थिक विकास से जोड़ा जाएगा। वैष्णव ने कहा, ‘बड़ी संख्या में लोग आईपीएल, फुटबॉल मैच देखने के लिए यात्रा करते हैं। इससे पर्यटन और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है।’
यह दस्तावेज राष्ट्रीय शिक्षा नीति के साथ जुडने का प्रयास करता है, जिसमें खेलों को स्कूली पाठ्यक्रम का एक अभिन्न अंग बनाया गया है। इसमें कहा गया है कि इसका उद्देश्य शिक्षकों और शारीरिक शिक्षा शिक्षकों को खेल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रशिक्षण से लैस करना है। इसके सूचीबद्ध लक्ष्यों में खेल प्रशासन के लिए एक मजबूत नियामक ढांचा स्थापित करना और पीपीपी (सरकारी और निजी क्षेत्रों की भागीदारी) और सीएसआर के माध्यम से निजी क्षेत्र की भागीदारी सहित नवीन वित्तपोषण तंत्र का विकास करना शामिल है।
खेल मंत्री ने बताया परिवर्तनकारी कदम:
खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने इसे भारत के खेल पारिस्थितिकी तंत्र को नया आकार देने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम बताया। उन्होंने एक्स पर लिखा, यह ऐतिहासिक नीति जमीनी स्तर पर खेल संस्कृति को बढ़ावा देने, बुनियादी ढांचे, खिलाड़ियों के विकास का समर्थन करने और भारत को वैश्विक खेलों में एक मजबूत ताकत के रूप में स्थापित करने के लिए एक रणनीतिक रूपरेखा की तरह है।
पीएम मोदी ने बताया ऐतिहासिक दिन:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘खेलो भारत नीति’ को अपनी सरकार की ओर से मंजूरी दिए जाने के बाद कहा कि यह भारत के प्रतिभावान खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने और देश को खेलों का केंद्र बनाने के प्रयासों के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि यह नीति पांच स्तंभों पर आधारित है: वैश्विक मंच पर उत्कृष्टता, आर्थिक विकास के लिए खेल, सामाजिक विकास के लिए खेल, लोगों के आंदोलन के रूप में खेल और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से शिक्षा के साथ एकीकरण। उन्होंने कहा, आशा है कि प्रतिभावान भारतीय खिलाड़ी हमेशा फलते-फूलते रहें।(साभार एजेंसी)