(लखनऊ,UP)19जुलाई,2025.
हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने कहा कि सामान्य परिस्थितियों मे लंबे समय से प्रचलित धार्मिक रिवाज राज्य सरकार छोटे-छोटे कारणों से रोक नहीं सकती। विशेषकर तब जब कि ये प्रथाएं समाज में सांस्कृतिक सौहार्द को बढ़ावा देती हैं। अदालत ने यह टिप्पणी बहराइच के सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर सालाना लगने वाले जेठ मेले के मामले में दिए आदेश में की है। अदालत ने कहा कि मामले में 17 मई को पारित अंतरिम आदेश के तहत किए गए प्रबंधों के दौरान शांति और सौहार्द बना रहा, लिहाजा उर्स अथवा मेला के आयोजन को लेकर राज्य सरकार की आशंकाएं निर्मूल सिद्ध हुई हैं।
न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने यह आदेश वक्फ नंबर 19 दरगाह शरीफ, बहराइच व अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर दिया।
याचिकाओं में दरगाह पर सालाना लगने वाले उर्स को जिलाधिकारी द्वारा अनुमति से इन्कार को चुनौती दी गई थी। इसपर सुनवाई के बाद अदालत ने 17 मई को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। साथ ही पारम्परिक क्रिया-कलाप जारी रखने की अनुमति दी थी।
राज्य की दलील…भारत-नेपाल सीमा से राष्ट्रविरोधी तत्वों की घुसपैठ की आशंका
राज्य सरकार की ओर से दलील दी गई थी कि दरगाह शरीफ के आसपास का क्षेत्र अत्यंत संवेदनशील है,यह नेपाल की खुली सीमा से सटा है। पहलगाम में पर्यटकों पर भयावह हमले को देखते हुए व भारत-नेपाल सीमा से आने -जाने वाली भीड़ के बीच राष्ट्रविरोधी और संदिग्ध तत्वों के घुसपैठ की प्रबल संभावना बनी रहती है। राज्य की ओर से यह भी कहा गया था कि इन दिनों पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण हालात हैं। ऐसे में यदि आकस्मिक रूप से आपातकाल घोषित करना पड़े तो भीड़ की उपस्थिति के कारण मेला क्षेत्र को पूर्णतः ब्लैकआउट करना संभव नहीं होगा, जिससे प्रशासनिक चुनौतियां कठिन हो सकती हैं।
अदालत का आदेश…उर्स की अमुमति से इन्कार का आदेश अप्रभावी
कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार ने परिस्थितियों को देखते हुए और गोपनीय रिपोर्टों के आधार पर उर्स की अनुमति से इंकार किया था लेकिन अब वह आदेश अप्रभावी हो गया है, क्योंकि मेला अवधि समाप्त हो चुकी है। न्यायालय द्वारा पारित अंतरिम व्यवस्था जिसमें धार्मिक रिवाजों के संपादन की अनुमति दी गई थी, ने राज्य सरकार की आशंकाओं को समाप्त कर दिया है। कोर्ट ने दरगाह शरीफ की प्रबंधन समिति को भी निर्देशित किया कि भविष्य में उर्स तथा मेला का प्रबंधन प्रभावी ढंग से किया जाए तथा प्रवेश स्थलों व अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं(साभार एजेंसी)