(वाराणसी,UP )19जुलाई,2025.
गंगा के जलस्तर में बढ़ाव के कारण वरुणा में उफान शुरू हो गया है। निचले इलाके में रहने वालों ने अपना घर छोड़ना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को दोपहर बाद गंगा का पानी दशाश्वमेध घाट स्थित जलपुलिस चौकी में प्रवेश कर गया। वहीं अस्सी घाट की सड़क पर अब गंगा का पानी पहुंच चुका है। गंगा के सभी 84 घाट बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं और गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से महज 72 सेंटीमीटर नीचे बह रहा है।
केंद्रीय जल आयोग की बाढ़ बुलेटिन के अनुसार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 69.20 मीटर दर्ज किया गया था और जलस्तर में पांच सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही थी। दोपहर के बाद जलस्तर में बढ़ोतरी की रफ्तार चार सेंटीमीटर प्रतिघंटा हो गई और शाम को चार बजे गंगा का जलस्तर 69.54 मीटर तक पहुंच गया जो चेतावनी बिंदु से महज 72 सेंटीमीटर नीचे है।
पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश के कारण मैदानी इलाकों में बाढ़ जैसी स्थितियां बन चुकी हैं। पुराना पुल पर बने सिंचाई विभाग के बंधे के सात फाटकों पर लगे चैनलों को शुक्रवार दोपहर तेज बहाव को देखते हुए पूरी तरह से खोल दिया गया। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक वरुणा नदी मौजूदा समय में करीब 7.5 फीट ऊपर बह रही है।
घुसा बाढ़ का पानी,सैकड़ों ने छोड़ा घर:
गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के साथ ही उसकी सहायक नदी वरुणा भी उफान पर है। गंगा की ओर से हो रहे पलट प्रवाह ने वरुणा नदी के किनारे बसे इलाकों में मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सरैयां, अमरपुर मढ़िया समेत अन्य निचले इलाकों में पानी भरने लगा है। अमरपुर मढ़िया निवासी शिवनाथ राजभर, बबलू, रहमान, करीम, सेराज, रोशन, फिरोज, चंदन, कुमारी देवी और गुलशन के घरों में पानी घुस चुका है।
लोगों को घर का सामान सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ रहा है। शैलपुत्री इलाके में रहने वाले शिवनाथ राजभर ने बताया कि बाढ़ के खतरे को देखते हुए उन्होंने पहले ही घर के सामान को मकान के ऊपरी मंजिल पर पहुंचा दिया था लेकिन जिस तरह से वरुणा का पानी बढ़ रहा है उसे देख कर लग रहा है कि परिवार के साथ घर के सामान को भी किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना पड़ सकता है।
वरुणा नदी का लगातार जलस्तर बढ़ रहा है जिससे नदी किनारे मकान बना कर रहे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। लगभग 10 परिवार खुद का टेंट लगाकर अपने मकान के पास ही रह रहे हैं। वहीं 15 परिवार के 70 सदस्य सलारपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय में बने बाढ़ राहत शिविर में रह रहे।
राहत शिविर में रह रही सुमन, मन्नू देवी, कोमल, लाल बहादुर, रमेशरी ने बताया कि सुबह नाश्ता बच्चों के लिए दूध व केला दोपहर के भोजन में पूड़ी, सब्जी, दाल, चावल मिल रहा है। राहत शिविर में कैंप कर रहे डॉ. सौरभ कुमार पांडेय ने बताया कि बाढ़ से पीड़ित लोगों के लिए एंटी डायरिया, एंटी फंगल, पेडियाट्रिक सहित गर्भवती महिलाओं के लिए भी दवा रखी गई है।
जानवरों के लिए भी दवा व चारे का हो रहा इंतजाम
जानवरों की भी मुश्किल बढ़ गई है। जिला प्रशासन ने पशु चिकित्सकों के दल को क्षेत्र में भेजकर चारे के साथ ही दवाईयों का वितरण सुनिश्चित किया है। कैंप कर रहे पशु चिकित्सक देवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ ग्रसित क्षेत्र में जानवरों का विशेष ध्यान दिया जा रहा है जिसके तहत हम अपने सहयोगी डॉ.उधम सिंह के साथ मिलकर जानवरों के लिए गला घोंटू के लगभग 495 दवाइयों के पैकेट का वितरण किया।(साभार एजेंसी)