महाकुंभ के लिए केंद्र सरकार से मिलेंगे 2100 करोड़ रुपये,1050 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी

UP / Uttarakhand

(प्रयागराज UP)04दिसम्बर,2024.

प्रयागराज में आगामी जनवरी माह से शुरू हो रहे विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक समागम ‘महाकुंभ-2025’ के लिए केंद्र सरकार की ओर से बड़ा ‘उपहार’ भेजा गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने 2100 करोड़ रुपये की विशेष अनुदान सहायता राशि स्वीकृत करते हुए पहली किस्त के रूप में 1050 करोड़ रुपये जारी कर दिये हैं।
बता दें कि महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 के मध्य निर्धारित है। महाकुंभ मेला के सकुशल आयोजन के लिए भारत सरकार से एकमुश्त विशेष सहायता अनुदान के रूप में धनराशि स्वीकृत किये जाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र सरकार से विशेष से अनुरोध किया गया था।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पहले ही 5435.68 करोड़ रुपये भव्य, दिव्य और डिजिटल महाकुंभ के आयोजन पर खर्च कर रही है। सरकार द्वारा महाकुंभ के लिए 421 परियोजनाओं पर यह धनराशि खर्च की जा रही है। प्रदेश सरकार की ओर से अबतक 3461.99 लाख की वित्तीय स्वीकृति निर्गत की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त विभिन्न विभागों, जिसमें लोक निर्माण विभाग, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, सेतु निगम, पर्यटन विभाग, सिंचाई, नगर निगम प्रयागराज, द्वारा विभागीय बजट मद से 1636.00 करोड़ रुपए की 125 परियोजनाओं को क्रियान्वित कराया जा रहा है।

महाकुंभ 2025 के अन्तर्गत अवसंरचनात्मक सुविधायें, जिसमें रेलवे ओवरब्रिज, रेलवे अण्डरब्रिज, सड़कों का सुदृढ़ीकरण एवं चौड़ीकरण का कार्य, नदी के किनारे कटाव निरोधक कार्य सहित इंरलॉकिंग सड़क मार्ग, रिवर फ्रंट का निर्माण, स्मार्ट सिटी एवं प्रयागराज विकास प्राधिकरण के समन्वय से प्रयागराज को सर्वश्रेष्ठ स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किये जाने की कार्ययोजना के अन्तर्गत समस्त चौराहों का थीम बेस्ड सौन्दर्यीकरण, आईटी बेस्ड मॉनिटरिंग इत्यादि कार्य एवं श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था का सुचारू रूप से संचालन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त स्वच्छ भारत मिशन एवं नगर निगम, प्रयागराज के समन्वय से शहर की साफ-सफाई एवं स्वच्छता के लिए उच्च कोटि की व्यवस्था की जा रही है। सॉलिड वेस्ट प्रबंधन एवं शहर को 100 प्रतिशत सीवरेज ट्रीटमेंट से आच्छादित किया जा रहा है।

इसके अतिरिक्त महाकुंभ 2025 के अन्तर्गत विभिन्न अभिनव प्रयोग, जिसमें डिजीटल कुम्भ म्यूजियम का निर्माण एवं पर्यटन रूट सर्किट (प्रयागराज-अयोध्या-वाराणसी-विन्ध्यांचल-चित्रकूट) का निर्माण इत्यादि किये जा रहे हैं। महाकुंभ 2025 के अन्तर्गत श्रद्धालुओं, पर्यटकों एवं दर्शनार्थियों के आवागमन एवं पुण्य स्नान किये जाने की अत्युत्तम व्यवस्था की जा रही है। साथ ही महाकुंभ 2025 को दिव्य महाकुंभ, भव्य महाकुंभ के साथ-साथ स्वच्छ महाकुंभ, सुरक्षित महाकुंभ, सुगम महाकुंभ, डिजिटल महाकुंभ, ग्रीन महाकुंभ की अवधारणा के रूप में विकसित किये जाने का लक्ष्य है(साभार एजेंसी)

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