(वाराणसी UP)04दिसम्बर,2024.
गंगा के 200 मीटर दायरे के भवनों में पेंट और बगैर संरचना में बदलाव किए मरम्मत कराना आसान हो गया है। वीडीए के नियमों में शिथिलता के कारण 1315 भवन स्वामियों को मरम्मत करने के लिए अनावश्यक कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
इन कामों के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं:
वीडीए के अनुसार दीवारों पर सीमेंट का प्लास्टर करने, प्लास्टर की मरम्मत, दोबारा फर्श का निर्माण, रंगाई-पुताई, सेप्टिक टैंक, सोक पिट का निर्माण, हैंडपंप लगाने, नाला-नाली निर्माण, सोलर पैनल लगाने के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा दीवारों का पुनर्निर्माण, पुराने भवन को तोड़कर नया भवन बनाने, छत, बालकनी, बरामदे का निर्माण के अलावा किसी भी प्रकार के अंदर या बाहर के संरचनाओं में बदलाव के लिए अनुमति लेनी होगी।
इस काम के लिए जोनल अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। जोनल अधिकारी आवेदन-पत्र के साथ जमा किए गए भवन का मानचित्र, भवन की लोकेशन का की-प्लान, साइट प्लान, स्थल पर मौजूद भवन का वर्तमान भू-आच्छादन, विद्यमान सेट-बैक, सभी तलों के प्लान, सेक्शन ऐलीवेशन, आदि का भौतिक सत्यापन करेंगे। वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग के अनुसार इस साल 19 लोगों ने आवेदन किया था। जिन्हें सशर्त अनुमति दी गई थी। किसी भी संरचनाओं में बदलाव की अनुमति नहीं दी गई है।(साभार एजेंसी)