(नई दिल्ली )17सितम्बर,2025
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी ने नई दिल्ली में 89वीं अंतरराष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल आयोग (आईईसी) की आम बैठक के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ओआईएमएल (अंतरराष्ट्रीय विधिक माप विज्ञान संगठन) पैटर्न अनुमोदन प्रमाण पत्र जारी करने वाला विश्व का 13वां देश बन गया है, जो विधिक माप विज्ञान के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा कि जहां तक डिजिटल इंडिया, नवीकरणीय ऊर्जा और टिकाऊ ऊर्जा का सवाल है, भारत दुनिया से आगे बढ़ रहा है।
श्री जोशी ने बताया कि भारत की मुद्रास्फीति दर आज 11 वर्षों में सबसे कम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पूरे कार्यकाल में मुद्रास्फीति नियंत्रण में रही है। देश भर में 474 मूल्य निगरानी केन्द्रों के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की कीमतों की निरंतर निगरानी की जा रही है।
मंत्री ने आगे कहा कि भारत बहुत जल्द सटीक भारतीय मानक समय के प्रसार के लिए एक परियोजना शुरू करेगा, जिसे उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला और इसरो के सहयोग से शुरू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना का उद्देश्य देश भर में पांच स्थानों से भारतीय मानक समय का प्रसारण करने के लिए आवश्यक तकनीक और बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि रणनीतिक और गैर-रणनीतिक दोनों क्षेत्रों के लिए सटीक समय का प्रसार आवश्यक है।
मंत्री ने कहा कि आईईसी ने इलेक्ट्रोटेक्निकल क्षेत्र में वैश्विक मानकों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वैच्छिक, सर्वसम्मति-आधारित मानकीकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के माध्यम से आईईसी ने एक ऐसी दुनिया को आकार देने में मदद की है जो तकनीक कुशल, अंतर-संचालित, सुरक्षित, समावेशी और टिकाऊ हो। उन्होंने आईईसी के प्रति आभार व्यक्त किया कि उसने विश्व के अग्रणी इलेक्ट्रोटेक्निकल विशेषज्ञों को ऐसे वातावरण में बुलाने की अपनी परंपरा जारी रखी है जो नवाचार, ज्ञान साझाकरण और दीर्घकालिक साझेदारी को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के माध्यम से भारत को इस वर्ष के सम्मेलन की मेजबानी करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
श्री जोशी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वैश्विक मानकीकरण की यात्रा में बीआईएस ने भारत में हुए बदलावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत के राष्ट्रीय मानक निकाय के रूप में बीआईएस ने न केवल तकनीकी ढांचे को मजबूत किया है, बल्कि स्थिरता लक्ष्यों के साथ मानकीकरण में भी सामंजस्य स्थापित किया है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सक्रिय भागीदारी के माध्यम से बीआईएस ने मानकों के सामंजस्य को बढ़ावा दिया है। साथ ही नवाचार को प्रोत्साहित किया है और विभिन्न क्षेत्रों में हरित तकनीक के विकास को सुगम बनाया है।
मंत्री ने कहा कि पिछले ग्यारह वर्षों में बीआईएस ने अपनी भूमिका को तकनीकी नियामक से बढ़ाकर राष्ट्र निर्माण में एक सच्चा साझेदार बना लिया है। उन्होंने बताया कि आज भारत में लगभग 24,000 भारतीय मानक हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि उत्पाद सुरक्षा और प्रदर्शन के वैश्विक मानदंडों पर खरे उतरें। प्रमाणन कवरेज 2014 में 14 गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों के तहत केवल 106 उत्पाद थे, जो बढ़कर वर्तमान में 186 क्यूसीओ, 2 हॉरिजेंटल (क्षैतिज) क्यूसीओ और ओमनीबस तकनीकी विनियमों के तहत 769 उत्पादों तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि जुलाई 2021 में सोने के आभूषणों के लिए एचयूआईडी आधारित हॉलमार्किंग की शुरुआत एक ऐतिहासिक कदम है। इसके तहत 48 करोड़ से अधिक वस्तुओं को पहले ही हॉलमार्क किया जा चुका है। 2014 में हॉलमार्किंग केंद्र की संख्या 285 थी जो अब बढ़कर 1,600 हो गई है। इसमें 373 जिले शामिल हैं और 2 लाख से अधिक पंजीकृत आभूषण विक्रेता शामिल हैं। इस सफलता को देखते हुए चांदी के आभूषणों और कलाकृतियों की हॉलमार्किंग भी शुरू की गई है।
मंत्री ने कहा कि यह आयोजन भारत की साझा मानवीय भावना का उत्सव भी है। देश की समृद्ध विरासत, विविधता और आतिथ्य सत्कार को दर्शाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई है। उन्होंने प्रतिभागियों को भारत को न केवल स्थायित्व में एक उभरती हुई शक्ति के रूप में, बल्कि एक ऐसी सभ्यता के रूप में भी अनुभव करने के लिए आमंत्रित किया जो एकता, रचनात्मकता और परंपरा में पनपती है।
मंत्री ने गर्व के साथ कहा कि भारत डिजिटल नवाचार, नवीकरणीय ऊर्जा और दीर्घकालिक तकनीक के क्षेत्र में दुनिया से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 89वीं आईईसी आम बैठक के विचार-विमर्श, अंतर्दृष्टि और सहयोग इलेक्ट्रोटेक्निकल मानकीकरण और सतत नवाचार पर वैश्विक विमर्श को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।(साभार एजेंसी)