(गोरखपुर UP)17अगस्त,2024.
गोरखपुर क्षेत्र (गोरखपुर-बस्ती मंडल) में इस शैक्षणिक सत्र में पहली बार निजी क्षेत्र में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू होने जा रही है। गोरखपुर स्थित महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के श्रीगोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर को नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) से 50 एमबीबीएस सीटों की मान्यता मिली है। इस मेडिकल कॉलेज ने नीट काउंसलिंग के जरिये प्रवेश की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसके साथ ही इसी सत्र ने नए संस्थान के रूप में पीपीपी मॉडल पर संचालित महराजगंज के केएमसी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 150 सीटों पर और सरकारी क्षेत्र के राज्य स्वायत्तशासी मेडिकल कॉलेज कुशीनगर में 100 सीटों पर भी दाखिला होगा।
गोरखपुर-बस्ती मंडल में इस सत्र के पूर्व एमबीबीएस की 575 सीटों पर पढ़ाई हो रही थी। 300 नई सीटों के साथ यह संख्या बढ़कर 875 हो जाएगी। इस क्षेत्र में पहले बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 150, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर में 125, महर्षि वशिष्ठ राज्य स्वायत्तशासी मेडिकल कॉलेज बस्ती में 100, माधव प्रसाद त्रिपाठी राज्य स्वायत्तशासी मेडिकल कॉलेज सिद्धार्थनगर में 100, महर्षि देवरहा बाबा राज्य स्वायत्तशासी मेडिकल कॉलेज में 100 सीटों पर एमबीबीएस की मान्यता थी।
गोरखपुर क्षेत्र में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में आया यह बूम बीते सात सालों में योगी सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के चलते आया है। एक दौर वह भी था जब यहां चिकित्सा शिक्षा के लिए सिर्फ गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज का ही नाम दिखता था। लंबे समय तक बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भी एमबीबीएस की मान्यता पर खतरा मंडराता रहता था। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से गोरखपुर में एम्स की स्थापना हुई तो एमबीबीएस की 125 सीटों पर पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध हुई। गोरखपुर क्षेत्र में मेडिकल एजुकेशन को ऊंचाई देने में योगी सरकार की एक जिला एक मेडिकल कॉलेज योजना की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
इस योजना से बस्ती, सिद्धार्थनगर, देवरिया और कुशीनगर में नए राज्य स्वायत्तशासी मेडिकल कॉलेज और महराजगंज में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ। इनमें बस्ती और देवरिया में करीब तीन सत्र पहले से ही एमबीबीएस की पढ़ाई हो रही है। कुशीनगर के राज्य मेडिकल कॉलेज, महराजगंज के पीपीपी मॉडल वाले मेडिकल कॉलेज और गोरखपुर के निजी क्षेत्र के मेडिकल कॉलेज में इस बार एमबीबीएस सीटों पर पहली बार दाखिला होगा। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय को आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में बीएएमएस की सौ सीटों के लिए पहले से ही पढ़ाई हो रही है।(साभार अ.उ. एजेंसी)