(प्रयागराज UP)01दिसम्बर,2024.
निरंजनी अखाड़े के भूमि पूजन में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की ओर से सनातन धर्म की रक्षा के लिए सनातन बोर्ड के गठन का प्रस्ताव रखा गया। इस प्रस्ताव को 26 जनवरी को अखाड़ा परिषद की ओर से महाकुंभ में आयोजित धर्म संसद में पारित किया जाएगा। इस धर्म संसद में शंकराचार्य के अलावा देश भर के महामंडलेश्वर, पीठाधीश्वर शामिल होंगे।
साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी न्योता भेजा जाएगा। संगम की रेती पर होने वाली धर्म संसद की जोर शोर से तैयारियां शुरू हो गई हैं। निरंजनी अखाड़े के भूमि पूजन में मेला प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में धर्म संसद की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की गई। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि इस धर्म संसद में देश भर के सभी शीर्षस्थ संतों को न्योता भेजा जा रहा है।
सनातन बोर्ड की भी रूपरेखा तैयार की जा रही है। इस सनातन बोर्ड के जरिए ही मठ-मंदिरों का संचालन किया जाएगा। सरकार के नियंत्रण वाले मंदिरों को भी इसी बोर्ड से संचालित करने की व्यवस्था बनाई जाएगी। सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए इस बोर्ड का संचालन किया जाएगा। इसके हिंदू संस्कृति के प्रतीकों को संरक्षित किया जाएगा। इस मौके पर आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद गिरि, महामंडलेश्वर महाशानंद गिरि, महामंडलेश्वर हेमानंद पुरी, गुरु मां आनंदमयी पुरी समेत सैकड़ों संत उपस्थित थे।
छल-कपट बंद करें तो गैर सनाततनियों का महाकुंभ में स्वागत:
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि महाकुंभ में किसी भी गैर सनातनी के प्रवेश या आगमन को प्रतिबंधित करने के लिए उन्होंने कभी नहीं कहा है। उनका कहना था कि इस बार महाकुंभ में वह गैर सनातनी लोगों को आने का आह्वान कर रहे हैं। महाकुंभ में गैर सनातनियों को भोग-प्रसाद खिलाया जाएगा। उनका स्वागत है, लेकिन यह आग्रह भी है कि वह सनातन संस्कृति को बदनाम करने के लिए छल-कपट का सहारा न लें। ऐसा कोई काम न करें, जिससे महाकुंभ की संस्कृति पर आंच आए। ऐसा हुआ तो संत समाज कभी माफ नहीं करेगा।(साभार एजेंसी)