(गोरखपुर UP)18दिसम्बर,2024.
गोरक्षनगरी की हवा और राप्ती नदी का पानी गंगा डॉल्फिन को काफी पसंद आ गया है। यही कारण है कि डॉल्फिन ने राप्ती नदी को अपना ठिकाना बना लिया है। शांत वातावरण में यहां पर इनका कुनबा भी लगातार बढ़ रहा है। हाल-फिलहाल 15 डॉल्फिन देखी गई हैं।
राप्ती नदी के रामघाट और नौवा अव्वल गांव के पास डॉल्फिन का ठिकाना है। 2022 में ये पहली बार यहां देखी गई थीं। चिड़ियाघर और वन विभाग की संयुक्त टीम को पर्यवेक्षण के दौरान नदी में देखने को मिलीं। इसके बाद उन्होंने उसे अपने आधिकारिक रिकाॅर्ड में दर्ज कर लिया।
इसके बाद से इन्हें संरक्षित किया जा रहा है, जिसका नतीजा है कि अब इनका कुनबा भी बढ़ रहा है। चिड़ियाघर के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि राप्ती नदी, गंगा की सहायक नदियों में से एक है। इसका पानी डॉल्फिन के प्रजनन के लिए अनुकूल है।
इसी का नतीजा है कि बहकर आने के बाद ये यहां पर रुक गईं। इनको यहां पर एक शांत वातावरण मिला है। वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर धीरज कुमार सिंह ने बताया कि राप्ती का पानी पिछले कुछ समय में साफ हुआ है। इसकी वजह से डॉल्फिन ने अपना ठिकाना बनाया है। यह आमतौर पर सूर्योदय के समय बाहर निकलती हैं। इसी समय इनको देखा जा सकता है।(साभार एजेंसी)