(लखनऊ UP)29अप्रैल,2025.
गंगा और यमुना एक्सप्रेसवे को आपस में जोड़ने की तैयारी की जा रही है। यीडा और यूपीडा ने इसके लिए नए लिंक एक्सप्रेसवे का रूट लगभग तैयार कर लिया है। छह लेन का नया लिंक एक्सप्रेसवे 74 किलोमीटर लंबा होगा। जिस पर करीब चार हजार करोड़ का खर्च आएगा। ये लिंक एक्सप्रेसवे पूरे यूपी को हर दिशा से जोड़ने का कीर्तिमान स्थापित करेगा। इस प्रस्ताव को जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
यमुना एक्सप्रेसवे प्रदेश का पहला एक्सप्रेसवे है और गंगा एक्सप्रेसवे नवनिर्मित एक्सप्रेसवे होगा। अब तक पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को आपस में जोड़ा गया है। नोएडा और दिल्ली को सीधे जोड़ने वाला यमुना एक्सप्रेसवे अभी लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे को छोड़कर अन्य से अलग-थलग है। अब यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) व उप्र. एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने गंगा और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए नए लिंक एक्सप्रेसवे का रूट अलाइनमेंट फाइनल कर दिया है।
बुलंदशहर के पास विकसित होगा मेगा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर:
नया लिंक एक्सप्रेसवे छह लेन का होगा और 120 मीटर चौड़ा होगा। इसकी कुल लंबाई 74 किलोमीटर होगी। यह यमुना एक्सप्रेसवे के 24.8 किलोमीटर माइलस्टोन से शुरू होगा और गंगा एक्सप्रेसवे के 44 किलोमीटर माइलस्टोन पर खत्म होगा। इसकी अनुमानित लागत 4000 करोड़ रुपये आंकी गई है। नए लिंक एक्सप्रेसवे पर एक मेगा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की योजना भी प्रस्तावित है। इसे बुलंदशहर के पास विकसित किया जाएगा।
मेरठ से प्रयागराज के सफर में डेढ़ घंटे से ज्यादा की आएगी कमी:
गंगा और यमुना एक्सप्रेसवे के जुड़ने से पश्चिमी यूपी के 22 जिलों को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक आसानी से पहुंच मिलेगी। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से भी यात्रा का समय घटेगा और औद्योगिक क्षेत्रों के विकास की रफ्तार तेज होगी। दोनों एक्सप्रेसवे के जुड़ने से मेरठ से प्रयागराज तक के सफर में डेढ़ घंंटे से भी ज्यादा की कमी आएगी। सड़कों का नेटवर्क मजबूत होने से प्रदेश को एक नए औद्योगिक और आर्थिक केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी। साथ ही यूपी को निवेशकों के लिए आकर्षक गंतव्य बनाने में भी मदद मिलेगी।(साभार एजेंसी)