(लखनऊ UP)01मई,2025.
एपीआई अंसल की हाईटेक टाउनशिप सुशांत गोल्फ सिटी में निवेशकों के साथ हुई 1000 करोड़ रुपए की ठगी से सरकार पर जो दबाव बना है, उससे अब आगे के लिए बड़ा सबक मिल चुका है. आवास विकास परिषद ने शालीमार लिमिटेड की निजी इंटीग्रेटेड टाउनशिप के लिए देवा रोड पर लगभग 160 एकड़ में से 10 फीसदी भूमि को बंधक बनाए रखने का फैसला किया है. परिषद की बोर्ड मीटिंग के दौरान मंगलवार को डीपीआर पर परीक्षण के लिए अनुमति देने के दौरान यह फैसला लिया गया।
कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर निर्णय लिए गए: आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के तत्वावधान में हुई उच्चस्तरीय बैठक में कई आवास आयुक्त डॉ. बलकार सिंह, अपर आवास आयुक्त डॉ. नीरज शुक्ला, मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक अनिल मिश्रा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे. बैठक में शहरी विकास, आवास योजनाओं, और प्रशासनिक सुधारों से संबंधित कई प्रस्तावों पर चर्चा हुई और महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
बैठक के बाद अपर आवास आयुक्त नीरज शुक्ला ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सेवानिवृत्त कनिष्ठ लेखाधिकारी राम नरेश यादव के खिलाफ सिविल सर्विस रेगुलेशन्स के अनुच्छेद-351ए के तहत गठित विभागीय जांच में आरोप सिद्ध पाए गए। परिषद को हुई 1,23,417 रुपये की वित्तीय क्षति की वसूली का दंड देते हुए इस राशि की वसूली के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही राजेश बहादुर सिंह, सेवानिवृत्त वरिष्ठ सहायक के खिलाफ भी उसी अनुच्छेद के तहत विभागीय जांच की स्वीकृति दी गई है।
टाउनशिप के डीपीआर को मंजूरी: अपर आवास आयुक्त ने बताया कि बाराबंकी जिले के खजूरगांव और तिंदोला (तहसील-नवाबगंज) में मैसर्स शालीमार कार्प लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित 158.79 एकड़ की टाउनशिप योजना के लिए डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) को मंजूरी दी गई है।यह परियोजना उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति-2023 के तहत विकसित की जाएगी. उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद अधिनियम-1965 की धारा-28 के प्रावधानों के अनुरूप लाइसेंस जारी किया जाएगा। आवास विकास परिषद ने शालीमार लिमिटेड की निजी इंटीग्रेटेड टाउनशिप के लिए देवा रोड पर लगभग 160 एकड़ में से 10% भूमि को बंधक बनाए रखने का फैसला किया है।
स्कूल भूखंडों के निस्तारण के लिए नए नियम: अपर आवास आयुक्त ने बताया कि परिषद की विभिन्न योजनाओं में स्कूल भूखंडों के निस्तारण के लिए सामान्य ई-नीलामी की प्रक्रिया को अपनाने का प्रस्ताव रखा गया. हालांकि, इस संबंध में पूर्व नियमों का विश्लेषण कर नए नियमों के साथ एक समेकित प्रस्ताव पुनः प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। इससे स्कूल भूखंडों का निस्तारण पारदर्शी और प्रभावी तरीके से हो सकेगा. उन्होंने बताया कि सरकारी और अर्ध-सरकारी संस्थानों को लीज पर आवंटित भूखंडों पर निर्माण के लिए समय-सीमा को 15 वर्ष तक बढ़ाने का वर्तमान नियम बरकरार रखा गया.इसके बाद प्रतिवर्ष नीलामी मूल्य का 10% शुल्क लेकर समय वृद्धि की सुविधा प्रदान की जाएगी।
वसुंधरा योजना में भू-उपयोग परिवर्तन: अपर आवास आयुक्त ने बताया कि गाजियाबाद की वसुंधरा योजना के विभिन्न सेक्टरों में अनावासीय संपत्तियों के निस्तारण के लिए भू-उपयोग परिवर्तन की प्रक्रिया को मंजूरी दी गई।शासनादेश (13 अक्टूबर 1998) और उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम-1973 की धारा-13 के तहत यह कार्यवाही होगी. हालांकि, हेल्थ सेंटर के लिए आरक्षित भूमि के प्रस्ताव को हटा दिया गया. वहीं, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत निरस्त आवंटनों की समय-सीमा को 1 माह से बढ़ाकर 1 वर्ष कर दिया गया। इससे लाभार्थियों को आवास आवंटन में सहूलियत मिलेगी।
कर्मचारियों और पेशंनरों का महंगाई भत्ता बढ़ाया: परिषद के कर्मचारियों, पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों के लिए 1 जनवरी 2025 से महंगाई भत्ता/राहत की दर को 55% करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया।यह निर्णय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए राहत भरा होगा।(साभार एजेंसी)