(नई दिल्ली)01जून,2025.
भारत सरकार ने विदेशी गाड़ियों के आयात पर लगने वाले भारी-भरकम टैक्स यानी ड्यूटी को 100 प्रतिशत से घटाकर सिर्फ 10 प्रतिशत कर दिया है, लेकिन ये राहत हर तरह की गाड़ियों के लिए नहीं है। ये फैसला मुख्य रूप से प्रीमियम सेगमेंट की गाड़ियों पर लागू होगा, यानी महंगी और लग्जरी गाड़ियों को ही इसका फायदा मिलेगा। ये भी साफ किया गया है कि इस छूट के साथ कुछ तय सीमा यानी कोटा सिस्टम भी लागू किया गया है।
अन्य देशों के साथ FTA वार्ताओं पर भी असर पड़ेगा:
भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर खोलना एक बड़ा कदम माना जा रहा है, क्योंकि अब जब भारत यूरोपियन यूनियन (EU), अमेरिका और दूसरे देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) की बातचीत कर रहा है, तो इसी तरह की मांगें इन देशों से भी आ सकती हैं। अब तक भारत में गाड़ियों और उनके पार्ट्स के आयात पर भारी टैक्स लगते थे, जिससे देश में खुद की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिला।
भारत अब दुनिया का चौथा सबसे बड़ा वाहन निर्माता देश:
बीते कुछ सालों में भारत ने ऑटोमोबाइल निर्माण के क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाई है। अब भारत चीन, अमेरिका और जापान के बाद दुनिया का चौथा सबसे बड़ा वाहन निर्माता बन गया है, जहां हर साल करीब 60 लाख गाड़ियां बनती हैं।
छूट सभी गाड़ियों पर नहीं,इंजन और कीमत पर होगी निर्भर:
सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि यूनाइटेड किंगडम के साथ हुए समझौते में जो छूट दी गई है, वह बहुत बारीक है। इसका मतलब है कि गाड़ियों के इंजन की क्षमता और उनकी कीमत के हिसाब से ही ड्यूटी में राहत मिलेगी। यानी सस्ती और कम इंजन पावर वाली गाड़ियों को शायद ये फायदा नहीं मिलेगा। सरकार का कहना है कि ऑटो सेक्टर में बहुत सारे तकनीकी और व्यावसायिक पहलू होते हैं, इसलिए छूट भी उसी हिसाब से दी गई है।
भारत-UK समझौते से व्यापार को मिलेगी नई रफ्तार:
6 मई को भारत और ब्रिटेन ने अपने FTA समझौते की बातचीत पूरी होने की घोषणा की थी। इस समझौते से भारतीय कंपनियों को अपने 99 प्रतिशत सामान यूके में भेजने पर टैक्स नहीं देना होगा। वहीं ब्रिटिश कंपनियां व्हिस्की, कारें और दूसरे सामान भारत में आसानी से बेच पाएंगी। इससे दोनों देशों के व्यापार में तेजी आने की उम्मीद है।(साभार एजेंसी)