(नई दिल्ली) 07जून,2025.
जम्मू-कश्मीर के इतिहास में छह जून को नया अध्याय जुड़ गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छह जून को ‘चिनाब’ नदी पर बने एफिल टावर से भी ऊंचे आर्च ब्रिज यानी मेहराब पुल, राष्ट्र को समर्पित कर दिया है। चिनाब नदी के तल से 359 मीटर ऊंचे इस पुल की सुरक्षा का जिम्मा देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल ‘सीआरपीएफ’ को सौंपा गया है। सीआरपीएफ के विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कमांडो, इस पुल की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। पुल की फुलप्रूफ सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ की ‘क्विक एक्शन टीम’ भी पुल के आसपास तैनात रहेगी।
बता दें कि चिनाब रेल पुल की ऊंचाई 359 मीटर है, जबकि एफिल टावर की ऊंचाई 324 मीटर है। यानी चिनाब रेल ब्रिज, एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है। दुनिया में इतनी ऊंचाई पर कोई भी रेल पुल नहीं है। इस पुल के दोनों छोर को मिलाकर इसकी लंबाई 1315 मीटर है। एक किलोमीटर से ज्यादा लंबे इस पुल को स्टील आर्च ब्रिज के तौर पर बनाया गया है। इसकी आर्च की लंबाई देखें तो वह 550 मीटर है।
सीआरपीएफ के जवान इस पुल की 24 घंटे सुरक्षा करेंगे। चिनाब ब्रिज की कौरी साइड और बक्कल की तरफ भी हर समय हर समय सीआरपीएफ के जवान तैनात रहेंगे। इतना ही नहीं, इस चिनाब रेल पुल के आसपास रेलवे की इंजीनियरिंग सहित जितनी भी एस्टेब्लिशमेंट होंगी, उनकी सुरक्षा भी सीआरपीएफ को दी गई है। सीआरपीएफ जवान, नियमित गश्त भी करेंगे। पुल के आसपास किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए सीआरपीएफ की क्यूएटी को भी तैनात किया गया है। बल की यह क्यूएटी, स्ट्राइकिंग रिजर्व के तौर पर रहेगी।
चिनाब ब्रिज के बक्कल एंड पर भी सीआरपीएफ को तैनात किया गया है। बल के जवान, अत्याधुनिक हथियारों एवं दूसरे तकनीकी उपकरणों से लैस रहेंगे। पुल की सुरक्षा को पुख्ता बनाने के लिए ड्रोन से भी निगरानी की जाएगी। जवानों द्वारा चिनाब ब्रिज के दोनों छोर और उसके आसपास के क्षेत्र पर कड़ी निगरानी के लिए नियमित गश्त की जाएगी।(साभार एजेंसी)