एक्सिओम 4 मिशन की लॉन्चिंग देख भावुक हुए शुभांशु के माता-पिता,छलके आंसू

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(नई दिल्ली)26जून,2025.

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष मिशन पर रवाना होते ही उनके परिवार और स्कूल में खुशी की लहर दौड़ गई। शुभांशु की मां ने इसे गर्व और खुशी का पल बताया और पिता ने भगवान से मिशन की कामयाबी की दुआ की। शुभांशु एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की ओर रवाना हुए हैं, जहां वह दो हफ्ते तक वैज्ञानिक शोध करेंगे।

फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी केंद्र से स्पेसएक्स का अंतरिक्ष यान बुधवार दोपहर 12 बजे जब अंतरिक्ष की ओर उड़ान भर रहा था, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के माता-पिता की निगाहें खुशी के आंसू और दुआओं के साथ टीवी स्क्रीन पर टिकी थीं। जिस स्कूल में शुभांशु ने पढ़ाई की थी, वहां भी छात्रों और शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गई। स्कूल में इस ऐतिहासिक पल को दिखाने के लिए बड़े-बड़े स्क्रीन लगाए गए थे, ताकि सभी छात्र और शिक्षक लाइव प्रसारण देख सकें।

एक्सिओम 4 मिशन को लेकर क्या बोले शुभांशु के माता-पिता:
शुभांशु की मां आशा शुक्ला ने हाथ जोड़कर लॉन्च देखा। उन्होंने कहा, ‘यह हम सभी के लिए बहुत गर्व की बात है। हम बहुत खुश हैं। ये खुशी के आंसू हैं।’ उन्होंने कहा, हम इस पल का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। आज हमारी खुशी की कोई सीमा नहीं है। शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा, उनके साथ हमारी दुआएं और आशीर्वाद हैं। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि मिशन कामयाब हो।

शुभांशु की मां ने आंसू पोंछते हुए तालिया बजाईं…
शुभांशु की मां लॉन्च से पहले अपने आंसू पोंछती नजर आईं और जैसे ही यान ने उड़ान भरी, तो उन्होंने तालियां बजाईं। शुभांशु ने 2006 में भारतीय वायुसेना में लड़ाकू पायलट के रूप में करियर शुरू किया था। उन्हें 2019 में गगनयान मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया। 2019 से 2021 के बीच उन्होंने रूस के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट प्रशिक्षण केंद्र में मूलभूत प्रशिक्षण लिया। इसके बाद 2025 में उन्होंने स्पेसएक्स में अपना प्रशिक्षण पूरा किया।

मिशन में शुभांशु शुक्ला के साथ ये अंतरिक्ष यात्री:
शुभांशु के साथ इस मिशन में पोलैंड के स्लावोश उजनान्स्की-विस्निएवस्की, हंगरी के टोबूर कापू और मिशन कमांडर पेग्गी व्हिटसन भी शामिल हैं। एक्सिओम-4 मिशन की यह टीम अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की ओर रवाना हुई है। यह टीम वहां दो हफ्ते तक वैज्ञानिक प्रयोग करेंगी। इससे पहले 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा सोवियत संघ के मिशन के तहत अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले भारतीय बने थे।(साभार एजेंसी)

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