बिजली के निजीकरण में कानूनी अड़चन की आशंका,उपभोक्ता परिषद की तैयारी

UP / Uttarakhand

( लखनऊ,UP)04जुलाई,2025.

पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल के निजीकरण में कानूनी अड़चन भी सामने आ सकती है। ऐसे में निजीकरण प्रस्ताव में कुछ बदलाव करना पड़ सकता है। दूसरी तरफ विद्युत उपभोक्ता परिषद नियामक आयोग में एक नया लोक महत्व प्रस्ताव दाखिल करने की तैयारी में जुटा है।

ऊर्जा विभाग में पावर कार्पोरेशन ने सरकार से विद्युत अधिनियम 2003 की जी धारा 131, 132, 133, 134 में दक्षिणांचल व पूर्वाचल के निजीकरण कराने की तैयारी में है। इस धारा का प्रयोग सरकार की ओर से बिजली कंपनियों के विघटन पर किया जा चुका है। नियमों के तहत इस धारा का प्रयोग केवल एक बार ही किया जा सकता है। यदि सरकार इस धारा का प्रयोग करती है तो उसे राजस्व उपयोगिता के आधार पर कंपनियों के परिसंपत्तियों की पूरी गणना करके मूल्यांकन करना होगा।

ऐसे में विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग में अधिनियम 2003 की अवमानना के लिए विधिक वाद दाखिल करने की तैयारी कर ली है। आयोग के अध्यक्ष के अवकाश से लौटते ही यह प्रस्ताव दाखिल किया जाएगा। विद्युत उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि बिजली कंपनियों के निजीकरण के लिए सभी वैधानिक वित्तीय व तकनीकी पहलुओं का अध्ययन जरूरी है। विद्युत अधिनियम 2003 का उल्लंघन नहीं होने दिया जाएगा।

निजीकरण के विरोध में देशभर में होने वाले विरोध प्रदर्शन को लेकर मंगलवार को संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कानपुर में सभा की। केस्को और पनकी में हुई सभा के दौरान एकजुटता का आह्वान किया गया। तय किया गया कि निजीकरण की निविदा जारी होते ही जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा। बिजली कर्मचारियों की राष्ट्रीय समन्वय समिति के पदाधिकारियों ने कहा है कि नौ जुलाई को राष्ट्रव्यापी सांकेतिक हड़ताल होगी(साभार एजेंसी)

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