(लखनऊ,UP)31जुलाई,2025.
उत्तर प्रदेश में स्कूलों के विलय के बढ़ रहे विरोध के बीच बेसिक शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है कि एक किलोमीटर से ज्यादा दूर व 50 से ज्यादा छात्र वाले स्कूलों का विलय नहीं होगा। इतना ही नहीं अगर इस मानक के विपरीत किसी स्कूल का विलय पूर्व में भी हुआ है तो इसे निरस्त करके, पूर्व की जगह पर ही चलाया जाएगा। यह प्रक्रिया एक सप्ताह के अंदर पूरी होगी।
यह जानकारी बृहस्पतिवार को बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने लोक भवन में प्रेसवार्ता में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत स्कूलों का विलय छात्रहित, संसाधनों की बेहतरी, शिक्षकों की पूरी उपलब्धता के लिए किया गया है। उत्तर प्रदेश ऐसा करना वाला कोई पहला राज्य नहीं है। 2014 में राजस्थान ने 20 हजार, मध्य प्रदेश ने 2018 में 36 हजार, उड़ीसा में 2018 में 18000, हिमांचल में दो चरणों में स्कूलों का विलय किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि विलय के दौरान मिली जानकारी और दिक्कत को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि एक किलोमीटर से अधिक दूरी पर कोई भी विद्यालय मर्ज नहीं किया जाएगा। शिक्षक-छात्र अनुपात हर विद्यालय में सही किया जाएगा। इसी क्रम में यह भी निर्देश दिया गया है कि 50 से कम छात्र वाले विद्यालयों का ही विलय किया जाएगा। प्रदेश में एक भी विद्यालय बंद नहीं होगा, सभी 132886 स्कूल चलेंगे। इन सभी का यू-डायस कोड चलता रहेगा।
मंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड आदि में नदी, नाले, रेलवे क्रासिंग व दूरी आदि को देखते हुए यह भी कहा गया है कि यह कोई अंतिम निर्णय नहीं है। अगर जरूरत हुई और छात्रों को दिक्क्त हुई तो संबंधित स्कूल के विलय को निरस्त कर देंगे। इतना ही नहीं आगे चलकर अगर विलय वाले विद्यालय में छात्र संख्या बढ़ती है तो पहले वाले स्कूल का फिर से संचालन कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह अफवाह फैलाई जा रही है कि शिक्षकों का पद, हेड का पद समाप्त हो जाएगा।
नहीं खत्म होगा कोई पद, नहीं जाएगी नौकरी:
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि कोई भी पद समाप्त नहीं होगा। कोई भी स्कूल बंद नहीं होगा। कोई भी शिक्षक नहीं हटेगा। जो विद्यालय खाली हो रहे हैं, वहां पर बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के साथ मिलकर बाल वाटिका चलाई जाएगी। यहां पर 3 से 4 साल, 4 से 5 साल और 5 से 6 साल वाले बच्चों की अलग-अलग पढ़ाई होगी। इनके लिए टेक्सट बुक तैयार करा दी गई हैं। वंडर बॉक्स, बिग बुक आदि का भी प्रयोग करेंगे। इनके लिए 19000 ईसीसीई एजुकेटर की भर्ती चल रही है।(साभार एजेंसी)