( लखनऊ,UP)09अगस्त,2025.
राजधानी में बृहस्पतिवार रात से शुक्रवार सुबह तक रुक-रुक कर हुई बारिश ने शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक बिजली व्यवस्था को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। कहीं, भूमिगत केबल में फॉल्ट हुआ तो कहीं इंसुलेटर फटने और पेड़ गिरने से आपूर्ति ठप हो गई। इससे करीब 20 लाख आबादी प्रभावित रही। बिजली गुल होने से जलापूर्ति भी बाधित हो गई।
हालांकि, कुछ क्षेत्रों में वैकल्पिक स्रोतों से आपूर्ति बहाल कर दी गई, जिससे उपभोक्ताओं को एक से तीन घंटे में ही राहत मिल गई, लेकिन कई जगहों पर हालात लंबे समय तक बिगड़े रहे।
33 केवी लाइनें प्रभावित, 100 से ज्यादा फीडर ठप : जानकीपुरम, नादरगंज, ओमेक्स, रहमानखेड़ा, महानगर, अमेठी, काकोरी, बनी, उतरेटिया जैसे उपकेंद्रों की 33 केवी लाइनें प्रभावित रहीं। अमेठी और बनी में पेड़ गिरने से सप्लाई पूरी तरह ठप हो गई। 100 से ज्यादा 11 हजार वोल्ट के फीडरों में भी आपूर्ति बाधित रही। सबसे अधिक संकट ग्रामीण और नवविकसित इलाकों में रहा।
6000 से ज्यादा उपभोक्ताओं की शिकायतें दर्ज: पूरी रात अभियंता और लाइनमैन आपूर्ति बहाल करने में जुटे रहे। शुक्रवार को राजधानी के विभिन्न उपकेंद्रों पर 6000 से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुईं। इनमें सर्विस केबल ढीले होने, एक फेज की सप्लाई, पेटी जलने और पोल में करंट उतरने जैसी समस्याएं प्रमुख रहीं।
11 घंटे तक अंधेरे में डूबा बंथरा गांव : सरोजनीनगर। गहरू पावर हाउस से जुड़े बंथरा गांव की 6000 आबादी ने बृहस्पतिवार दोपहर एक बजे से रात 12 बजे तक बिजली संकट झेला। शुक्रवार सुबह करीब पांच बजे पूर्व प्रधान बृजभान सिंह चौहान के घर के पास एबी केबल जलने से फिर बिजली ठप हो गई।
करंट से दो भैंसों की मौत: चिनहट के मल्हौर निजामपुर गांव में बारिश के पानी में फैले करंट की चपेट में आकर दो भैंसों की मौत हो गई। फीडर बंदकर दो घंटे तक सप्लाई रोकनी पड़ी।
बिजली की आवाजाही से उपभोक्ता परेशान:
गोमतीनगर से राजाजीपुरम और हजरतगंज से ठाकुरगंज तक शुक्रवार सुबह उपभोक्ताओं को बिजली के बार-बार आने-जाने से परेशानी झेलनी पड़ी। उपकेंद्रों के मुताबिक, इंसुलेटर फटने और पेटी फ्यूज जलने की घटनाएं ज्यादा रहीं। (साभार एजेंसी)