(मेरठ,UP)11अगस्त,2025.
यूपी में इन्फ्रा परियोजनाओं को मानो पंख लग चुके हैं। यूपी सरकार एक के बाद हवाईअड्डे और एक्सप्रेसवे के निर्माण में जुटी है।गौतमबुद्ध नगर के जेवर में बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ानें अभी शुरू भी नहीं हुई हैं कि एक और एयरपोर्ट के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. यूपी सरकार जल्द ही एनसीआर के नजदीक स्थित औद्योगिक जिले में हवाईअड्डे का निर्माण शुरू कर देगी. इसके लिए ज्यादातर जमीनों का इंतजाम हो चुका है, जबकि कुछ जमीनों के अधिग्रहण के लिए किसानों से बातचीत चल रही है।
यूपी सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि मेरठ जिले में नया एयरपोर्ट बनाया जाएगा. इसे पहले मेरठ विकास प्राधिकरण ने हवाईअड्डा बनाए जाने का ऐलान किया था. यूपी सरकार ने कहा है कि मेरठ में 72 सीटर विमान उड़ाने के लिए हवाई पट्टी बनाने और एयरपोर्ट विकसित करने के लिए जमीन का इंतजाम कर लिया गया है. यहां हवाई पट्टी की जमीन सिविल एविएशन के नाम दर्ज करा ली गई है, अब जल्द ही एयरपोर्ट विकसित करने का काम शुरू हो जाएगा।
कितनी जमीन पर बनेगा एयरपोर्ट:
मेरठ विकास प्राधिकरण की मानें तो अभी करीब 46 एकड़ जमीन को नागरिक उड्डयन के नाम दर्ज करा लिया गया है. प्राधिकरण ने जमीन के बकाए का भी भुगतान कर दिया है।भारतीय एयरपोर्ट प्राधिकरण (एएआई) ने मेरठ विकास प्राधिकरण को हवाई पट्टी के अतिरिक्त अन्य सुविधाएं विकसित करने और एयरपोर्ट की बिल्डिंग बनाने के लिए 96 एकड़ जमीन का इंतजाम करना है।
एयरपोर्ट बनाने में क्या-क्या बाधाएं:
एएआई ने कहा है कि रनवे के अलावा अन्य सुविधाओं के लिए भी 96 एकड़ जमीन चाहिए. इस पर मेरठ प्रशासन ने बताया कि उनके पास 75 एकड़ जमीन पहले से ही है. बाकी बची 21 एकड़ जमीन के किसानों के साथ बातचीत जारी है और यह मामला अदालत में विचाराधीन है. एएआई ने मेरठ प्रशासन से बिजली के तार और खंभे सहित अन्य बाधाओं को भी तत्काल हटाने की बात कही है।
एयरपोर्ट के दूसरे और तीसरे चरण की भी चर्चा:
एएआई ने मेरठ प्रशासन से कहा है कि अभी सिर्फ पहले चरण को ही अनुमति दी गई है, लेकिन दूसरे चरण के लिए 300 एकड़ जमीन और तीसरे चरण के लिए 200 एकड़ जमीन का इंतजाम और करना होगा. फिलहाल 20 साल से अटके काम को पूरा कर लिया गया है और हवाई पट्टी बनाने के लिए जमीन को सिविल एविएशन के नाम दर्ज करा लिया गया है. प्राधिकरण ने यह जमीन किसानों से अधिग्रहण करके हासिल की थी, लेकिन शासन से पूरा पैसा नहीं मिलने की वजह से इसे नागरिक उड्डयन के नाम नहीं कराया जा सका।
किसानों के पास कितनी जमीन:
मेरठ प्रशासन की मानें तो एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए करीब 206 हेक्टेअर जमीन की जरूरत होगी. इसमें से 129 हेक्टेअर जमीन किसानों के नाम दर्ज है. फिलहाल किसानों के साथ बातचीत जारी है और उनसे सहमति पत्र लिया जा रहा है. शेष जमीन का हिस्सा मेरठ विकास प्राधिकरण, नगर निगम, वन विभाग, कोपरेटिव डेयरी के पास है. इन जमीनों को संबंधित विभागों से अधिग्रहण करके एयरपोर्ट के विस्तार की रूपरेखा तैयार कराई जाएगी।(साभार एजेंसी)