(प्रयागराज UP )11दिसम्बर,2024.
महाकुंभ मेले से जुड़ी तैयारियों का जायजा लेने के लिए प्रयागराज पहुंचे रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि महाकुंभ के दौरान देश के कोने-कोने से प्रयागराज की सीधी कनेक्टिविटी रहेगी। इस दौरान लंबी दूरी के चेन्नई, मुंबई समेत 50 शहरों से प्रयागराज के लिए आरक्षित ट्रेनें चलेंगी। रेलमंत्री ने बताया कि महाकुंभ के दौरान इस बार एक और विशेष इंतजाम किया जा रहा है। संगम नगरी के रेलवे स्टेशनों पर बने फुटओवर ब्रिज पर यात्रियों का क्रॉस मूवमेंट न हो इसके लिए पुल पर एक दिशा से दूसरी दिशा की ओर से ही यात्री जा सकें।
सभी स्टेशनों पर यह व्यवस्था रहेगी। पिछले वर्ष अयोध्या में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद वहां उमड़ी भीड़ को देखते हुए अयोध्या रेलवे स्टेशन पर कलर कोडिंग की गई थी। यही व्यवस्था प्रयागराज के भी सभी स्टेशनों पर रहेगी। कलर कोड के हिसाब बसे ही यात्री दिशावार यात्रा के लिए सुनिश्चित प्लेटफॉर्म पर पहुंचेंगे। यात्री आश्रय स्थल भी चार अलग रंग के रहेंगे। उदाहरण के लिए अगर किसी यात्री को लखनऊ जाना है तो उसे जंक्शन के नीले रंग के आश्रय स्थल से प्रवेश करना होगा। यात्री का टिकट भी नीले रंग का ही होगा। आश्रय स्थल से प्लेटफॉर्म तक जाने वाले रास्ते पर भी नीले रंग के संकेतक लगे होंगे। रेलमंत्री ने बताया कि संगम नगरी के स्टेशनों पर कुल 23 यात्री आश्रय स्थल बनाए गए हैं।
यात्रियों को लाइन में लगे बिना मिलेगा टिकट:
महाकुंभ के दौरान यात्रियों को बिना लाइन में लगे रेलवे द्वारा जनरल टिकट मुहैया कराया जाएगा। सभी स्टेशनों के आश्रय स्थल व प्रतीक्षालय आदि में रेलकर्मी मोबाइल टिकटिंग मशीन के माध्यम से यात्रियों को उनके गंतव्य का टिकट उपलब्ध कराएंगे। इसके अलावा मोबाइल एप के माध्यम से भी यात्री जनरल टिकट ले सकेंगे। वाणिज्य विभाग के कर्मचारियों की जैकेट पर भी क्यूआर कोड रहेगा। उसे स्कैन कर यात्री मोबाइल एप डाउनलोड करके भी जनरल टिकट ले सकते हैं।
18 हजार आरपीएफ और जीआरपी के जवान रहेंगे तैनात:
महाकुंभ मेला अवधि में प्रयागराज जंक्शन, प्रयागराज छिवकी, नैनी जंक्शन, सूबेदारगंज, फाफामऊ जंक्शन, प्रयाग जंक्शन, प्रयागराज संगम, प्रयागराज रामबाग और झूंसी रेलवे स्टेशन पर 18 हजार आरपीएफ और जीआरपी के जवानों की तैनाती रहेगी। इसमें आरपीएफ के जवानों की संख्या आठ हजार और जीआरपी के जवानों की संख्या दस हजार रहेगी। इसके अलावा रेलवे के 13 हजार अधिकारी और कर्मचारी पूरे देश से यहां तैनात किए जा रहे हैं। इसमें काफी संख्या में ऐसे कर्मचारी भी हैं जो हिंदी, अंग्रेजी के साथ दक्षिण भारतीय, पंजाबी, बंगाली, मराठी, गुजराती आदि भाषा भी बोल सकते हैं।
तैयार की गई 12 भाषाओं की बुकलेट:
महाकुंभ के दौरान तमाम राज्यों से श्रद्धालु प्रयागराज आएंगे। इनमें से तमाम ऐसे भी होंगे, जिन्हें हिंदी नहीं आती। ऐसे यात्रियों की सहूलियत के लिए रेलवे प्रशासन ने तमिल, कन्नड़, उड़िया, मलयालम, मराठी समेत 12 क्षेत्रीय भाषाओं की एक पॉकेट बुकलेट तैयार कराई है। इस बुकलेट में प्रयागराज से जुड़ी तमाम जरूरी सूचनाओं को उल्लेख तो है ही साथ ही यहां के रेलवे स्टेशन और दिशावार चलने वाली ट्रेनों की भी जानकारी है।
बनाए गए हैं 554 यूटीएस काउंटर:
रेलमंत्री ने बताया कि संगम नगरी के रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की सहूलियत के लिए 554 अनारक्षित टिकट काउंटर भी बनाए गए हैं। प्रयागराज क्षेत्र में 21 रेल ओवरब्रिज, अंडरपास आदि का निर्माण हुआ है। जंघई से प्रयागराज और बनारस से प्रयागराज रेलमार्ग का भी दोहरीकरण हुआ है। प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशनों पर कंट्रोल रूम बनाया गया है। इनका मास्टर कंट्रोल रूम प्रयागराज जंक्शन पर बनाया गया है।
प्रयागराज छिवकी, नैनी, सूबेदारगंज, फाफामऊ, प्रयाग जंक्शन और झूंसी में सेकंड इंट्री पहली बार बनाई गई है। इससे यहां अब दोनों ओर से यात्रियों का आगमन और प्रस्थान सामान्य दिनों में हो सकता है। रेलमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी और सीएम योगी को विशेष धन्यवाद है, क्योंकि रेलवे और राज्य सरकार के किसी भी प्रोजेक्ट के लिए फंड और मैन पावर की कमी कभी भी नहीं आई है।
लंबी दूरी के इन शहरों से प्रयागराज आएंगी आरक्षित ट्रेनें:
गुवाहाटी, रंगापाड़ा नॉर्थ, मुंबई सीएसटी, नागपुर, पुणे, सिकंदराबाद, गुंटूर, नांदेड़, विशाखापट्टनम, भुवनेश्वर, पुरी, संबलपुर, कन्याकुमारी, तिरुवनंतपुरम नॉर्थ, चेन्नई सेंट्रल, हावड़ा, डॉ. अंबेडकरनगर, वापी, अहमदाबाद, राजकोट, वडोदरा, वलसाड, भावनगर, जयनगर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, धनबाद, पटना, गया, रक्सौल, सहरसा, बेलागवी, मैसूर, उदयपुर सिटी, बाड़मेर, टाटानगर, रांची आदि(साभार एजेंसी)