उ.प्र.के 5000 स्कूलों में शुरू हुईं “बाल वाटिकाएं”

UP / Uttarakhand

(लखनऊ,UP)20अगस्त,2025.

उत्तर प्रदेश में कम नामांकन वाले विद्यालयों के विलय (पेयरिंग) के बाद खाली हुए 5000 से ज्यादा विद्यालयों में 15 अगस्त से बालवाटिका की विधिवत शुरुआत हो गई है। बालवाटिका के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ बच्चों को पढ़ाने के लिए ईसीसीई एजुकेटर की तैनाती की जा रही है। जब तक ईसीसीई एजुकेटर की तैनाती की प्रक्रिया चल रही है।

तब तक इन विद्यालयों में पहले तैनात रहे एक शिक्षामित्र या शिक्षक को यहां के समन्वय के लिए लगाया गया है। दरअसल, महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से पांच अगस्त को जारी आदेश को लेकर शिक्षकों में ऊहापोह बना हुआ है। उनका कहना है कि मर्जर वाले विद्यालय के शिक्षक अपने मूल विद्यालय (बालवाटिका) में ही पढ़ाएंगे। किंतु विभाग ने कहा है कि इस आदेश की गलत व्याख्या की जा रही है।

मर्जर वाले विद्यालय के शिक्षक अपने मूल विद्यालय में नहीं पढ़ाएंगे। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने कहा कि जब तक बालवाटिका के लिए ईसीसीई एजुकेटर की तैनाती चल रही है, तब तक एक शिक्षामित्र या शिक्षक, जो पहले यहां तैनात रहे हैं, उनको यहां पठन-पाठन के समन्वय के लिए कहा गया है। यह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ मिलकर आवश्यक व्यवस्था करेंगे।

यह विशेष रूप से 5 से 6 साल के बच्चों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उन्होंने बताया कि लखनऊ समेत कई जिलों में ईसीसीई एजुकेटर की भर्ती की जा चुकी है। कुछ जिलों में चल रही है। जल्द ही इसकी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। ऐसे में इसे लेकर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए कि एक शिक्षक दो-दो विद्यालयों में पढ़ाएंगे। न ही विलय के बाद शिक्षकों को उनके पूर्व के विद्यालय (विलय वाले) में भेजने की कोई प्रक्रिया चल रही है(साभार एजेंसी)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *