(नई दिल्ली)08अक्टूबर,2025.
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), नई दिल्ली के पंचकर्म और संहिता सिद्धांत विभागों ने संयुक्त रूप से दिनांक 06अक्टूबर से 11 अक्टूबर 2025 तक “पंचकर्म और आयुर्वेद के मूल सिद्धांतों” पर एक सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। यह कार्यक्रम आयुष मंत्रालय द्वारा प्रायोजित और राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ (आरएवी), नई दिल्ली द्वारा समन्वित है।
कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ (आरएवी) की निदेशक डॉ. वंदना सिरोहा की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ, जिन्होंने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। अपने उद्घाटन भाषण में, डॉ. सिरोहा ने निरंतर व्यावसायिक शिक्षा के महत्व पर ज़ोर दिया और समग्र स्वास्थ्य सेवा वितरण को मज़बूत बनाने के लिए पारंपरिक आयुर्वेदिक ज्ञान को आधुनिक शोध के साथ एक करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
एआईआईए के डीन (अकादमिक) डॉ. महेश व्यास, एआईआईए के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एमएम राव और प्रो. एसएच आचार्य सहित प्रख्यात आयुर्वेद विशेषज्ञों ने पंचकर्म की मूल अवधारणाओं और आयुर्वेद के मूलभूत सिद्धांतों पर व्याख्यान दिए। ये सत्र प्रतिभागियों की पंचकर्म चिकित्सा की वैचारिक समझ और नैदानिक अनुप्रयोग को गहन बनाने के लिए आयोजित किए गए थे।
सीएमई का उद्देश्य आयुर्वेद चिकित्सकों और स्नातकोत्तर विद्वानों की शैक्षणिक और नैदानिक दक्षता को बढ़ाना है। इस कार्यक्रम में शास्त्रीय आयुर्वेदिक ग्रंथों पर आधारित इंटरैक्टिव चर्चाएँ, लाइव प्रदर्शन और व्यावहारिक सत्र शामिल हैं, जो प्रतिभागियों को एक व्यापक और अनुभवात्मक शिक्षण मंच प्रदान करते हैं।
यह पहल आयुर्वेद के क्षेत्र में उत्कृष्टता, क्षमता निर्माण और शैक्षणिक उन्नति को बढ़ावा देने के लिए आयुष मंत्रालय और उसके संस्थानों के निरंतर प्रयासों को दर्शाती है।(साभार एजेंसी)